
जालंधर ब्रीज: कोविड -19 महामारी दौरान एक और मानवता की सेवा की मिसाल पेश करते हुए आज कोविड के शक्की मरीज़ की मौत के बाद जब, उसका कोई भी पारिवारिक सदस्य पास नहीं था और गाँव निवासी कोरोना के डर के कारण अंतिम रस्में निभाने से झिझक रहे थे तो ज़िला प्रशासन की तरफ से संस्कार सम्बन्धित अंतिम रस्मों को पूरे सम्मान से निभाया गया।
ज़िला प्रशासन के आधिकारियों की तरफ से अपनी डियूटी के इलावा मृतक व्यक्ति का पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करके एक उदाहरण पेश की गई।
शनिवार को प्रशासन को कंट्रोल रूम पर एक फ़ोन आया कि एक प्रवासी जो कि बड़िंग गाँव में कोविड प्रभावित एक बुज़ुर्ग औरत की देखभाल कर रहा था। गाँव वासियों को शक था कि प्रवासी भी कोविड -19 से प्रभावित हो गया है और उसकी मौत वायरस कारण हुई है।
फ़ोन करने वाले ने विनती की गई कि प्रवासी का अंतिम संस्कार किया जाये, क्योंकि उसका परिवार बिहार में है, जिस पर डिप्टी कमिश्नर ने उप मंडल मैजिस्ट्रेट जालंधर -1 डा.जै इन्द्र सिंह को प्रवासी की अंतिम रस्में पूरे सम्मान के साथ निभाने के लिए कहा गया।
उप मंडल मैजिस्ट्रेट की तरफ से कानगो बूटा सिंह, पटवारी कुलविन्दर सिंह और दूसरो को कोविड प्रोटोकाल को ध्यान में रखते हुए संस्कार करने के लिए टीम का गठन किया । ग़ैर सरकारी संस्था आख़िरी उम्मीद वैलफेयर सोसायटी की तरफ से प्रशासन की मृतक शरीर को लपेटने में मदद की गई।
डा.जै इन्द्र सिंह ने बताया कि टीम के सदस्यों की तरफ से ज़रूरी सावधानियों को अपनाते हुए मानवता की सेवा करते हुए मृतक शरीर का अंतिम संस्कार किया गया। उन्होनें बताया कि प्रशासन की तरफ से मृतक शरीर का पूरे रीति रिवाज़ों /प्रोटोकाल अनुसार सम्मान पहले अंतिम संस्कार करने के लिए गंभीर प्रयत्न किये जा रहे हैं।
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