June 23, 2025

Jalandhar Breeze

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एनसीसी चंडीगढ़ ग्रुप द्वारा माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले कैडेट्स का भव्य सम्मान समारोह आयोजित

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जालंधर ब्रीज:  एनसीसी ग्रुप मुख्यालय, चंडीगढ़ द्वारा एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें माउंट एवरेस्ट जैसी विश्व की सर्वोच्च चोटी को फतह करने वाले साहसी एनसीसी कैडेट्स को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर 2 चंडीगढ़ बटालियन एनसीसी की अंडर ऑफिसर पद्मा नामग्याल, 1 हिमाचल प्रदेश बटालियन एनसीसी की कैडेट कृतिका शर्मा तथा 2 आर एंड वी पंजाब स्क्वाड्रन एनसीसी की गर्ल कैडेट इंस्ट्रक्टर अनामिका चौधरी को उनके असाधारण साहस, दृढ़ संकल्प और परिश्रम के लिए सम्मानित किया गया।

18 मई 2025 को माउंट एवरेस्ट पर विजय प्राप्त करने वाली इन कैडेट्स ने न केवल एनसीसी बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।

इस समारोह की अध्यक्षता मेजर जनरल जे.एस. चीमा, अतिरिक्त महानिदेशक, एनसीसी निदेशालय (पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं चंडीगढ़) ने की। उनके साथ ब्रिगेडियर विक्रम सिंह चौहान, वाईएसएम, ग्रुप कमांडर, एनसीसी ग्रुप चंडीगढ़ भी उपस्थित रहे। इन जांबाज कैडेट्स को स्मृति चिह्न, प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

इन पर्वतारोहियों की यात्रा केवल माउंट एवरेस्ट तक सीमित नहीं थी। यह अभियान माउंट आबी गामिन के प्री-एवरेस्ट अभियान से शुरू हुआ, जिसके बाद नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (NIM) में बेसिक पर्वतारोहण प्रशिक्षण, सियाचिन ग्लेशियर में कठोर शीतकालीन प्रशिक्षण, और फिर नेपाल के माउंट लबुचे पर चढ़ाई जैसे कठिन चरणों से होकर गुज़रा। हर एक चरण ने उनकी शारीरिक क्षमता, मानसिक मजबूती और तकनीकी दक्षता को निखारा।

इनकी उत्कृष्ट प्रदर्शन के आधार पर इन्हें 10-सदस्यीय एनसीसी सीनियर डिवीजन/विंग एवरेस्ट अभियान दल में चयनित किया गया, जिसने 3 अप्रैल से 18 मई 2025 के बीच एवरेस्ट पर सफल चढ़ाई की। यह चयन एक अखिल भारतीय प्रतिस्पर्धात्मक प्रक्रिया और गहन प्रशिक्षण के बाद हुआ था।

इनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि को रक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी सराहा, जिसमें वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह द्वारा नई दिल्ली में आयोजित विशेष सम्मान समारोह भी शामिल है।

इन बहादुर कैडेट्स की सफलता न केवल उनके व्यक्तिगत साहस का प्रमाण है, बल्कि यह पूरे देश के युवाओं और एनसीसी कैडेट्स के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह उपलब्धि यह संदेश देती है कि अनुशासन, समर्पण और अटूट जज़्बे के साथ कोई भी शिखर अजेय नहीं होता।


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