
जालंधर ब्रीज: पंजाब विधान सभा के स्पीकर कुलतार सिंह संधवां ने शुक्रवार को राज्य के छह जिलों के 700 किसानों को धान की पराली न जलाने और अपने क्षेत्रों में लाखों पौधे लगाने के लिए सम्मानित किया।
भाई घनैया कैंसर रोको सेवा सोसायटी, गदरी बाबा दुल्ला ज्ञानी निहाल सिंह फाउंडेशन द्वारा पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के कृषि एवं किसान कल्याण और वन विभाग के सहयोग से करवाए गए समारोह की अध्यक्षता करते हुए विधान सभा स्पीकर ने कहा कि यह 700 किसान प्रदूषण के विरुद्ध योद्धा बनकर उभरे हैं। अवशेष को न जलाकर गुरू नानक देव जी की शिक्षाओं को यथावत अपनाया है। उन्होंने कहा कि पराली जलाने से गुरेज़ करना ही ‘पवन गुरू, पानी पिता, माता धरत महत्त’ का संदेश देने वाले श्री गुरु नानक देव जी को सच्ची श्रद्धाँजलि है।

संधवां ने बताया कि पंजाब सरकार इस खतरे पर काबू पाने के लिए सहृदय प्रयास कर रही है, परन्तु इस खतरे को पूरी तरह से ख़त्म करने के लिए किसानों के पूर्ण सहयोग की ज़रूरत है। उन्होंने पराली जलाने के मामलों में 55 प्रतिशत कमी आने और पराली जलाने से गुरेज़ करके कीमती प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में योगदान देने के लिए लुधियाना प्रशासन और किसानों की भी सराहना की।
पंजाब स्पीकर ने आगे कहा कि ‘आप’ सरकार कृषि को लाभप्रद पेशा बनाने के लिए विशेष नीतियाँ बनाने पर सौहृदयता से प्रयास का रही है। उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब पंजाब में पराली जलाने का रुझान और अन्य बीमारियाँ नहीं रहेंगी।

इस दौरान पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने बताया कि धान की कटाई के सीजन के दौरान यूनिवर्सिटी के 1000 के करीब बी.एस.सी के विद्यार्थियों ने जि़ले के कोने-कोने में जाकर किसानों को पराली जलाने से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पडऩे वाले बुरे प्रभावों संबंधी जागरूक किया। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।
इस मौके पर भाई घनैया कैंसर रोको सेवा सोसायटी फरीदकोट के प्रधान गुरप्रीत सिंह चंद बाजा ने आए हुए मेहमानों का स्वागत कहते हुए पंजाब के पर्यावरण के प्रति चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा कि पंजाब में भूजल केवल 16 सालों तक के लिए ही रह गया है। पंजाब में वन अधीन क्षेत्रफल 33 प्रतिशत से कम होकर 3.67 फीसदी रह गया है और प्रदूषण के कारण कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा हो गई हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करना और पर्यावरण की देखभाल के लिए योगदान देना हम सबका पहला कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि संस्था इससे पहले पंजाब विधान सभा कोटकपूरा, बठिंडा और खडूर साहिब में 1400 के करीब किसानों को सम्मानित कर चुकी है।
आज लुधियाना, मोगा, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, पटियाला, रोपड़, एस.बी.एस. नगर ( नवांशहर) और फिऱोज़पुर से आए किसानों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर विधायक जगराओं सरवजीत कौर मानूके, दलजीत सिंह गरेवाल, डिप्टी कमिश्नर तरनतारन ऋषिपाल सिंह, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर मेजर अमित सरीन, पंजाबी अभिनेता मलकीत सिंह रौनी, डॉ. हरमिन्दर सिंह आदि मौजूद थे।
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