
जालंधर ब्रीज: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा हर विभाग में पूर्ण पारदर्शिता अपनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है जिससे राज्य के लोगों को एक साफ़-सुथरा प्रशासनिक ढांचा मुहैया करवाया जा सके। इसी के अंतर्गत ख़ाद्य एवं सिविल सप्लाई विभाग में भी अनियमितताओं के खि़लाफ़ ज़ीरो सहनशीलता की नीति अपनाई जा रही है क्योंकि यह विभाग राज्य की अर्थव्यवस्था के साथ बहुत गहराई से जुड़ा है। अनियमितताएं करने वाले अधिकारियों के खि़लाफ़ कानून के अनुसार सख़्त कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। यह विचार राज्य के ख़ाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामलों के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने आज स्थानीय सैक्टर-39 के अनाज भवन में समूह जि़ला ख़ाद्य सप्लाई कंट्रोलरों और डिप्टी डायरैक्टरों के साथ एक समीक्षा मीटिंग को संबोधन करते हुये प्रकट किये।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि विभाग के जो भी बकाया मसले हैं, उनका समय पर निपटारा किया जाये जिससे विभागीय कामकाज में कोई रुकावट न आए। उन्होंने कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडरडज़ अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ऐफऐसऐसएआई) से लायसेंस हासिल करने के लिए आवेदन एक हफ्ते के समय के अंदर हर हालत में भेज दिये जाएँ। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गोदामों में मौजूद स्टाक की निजी तौर पर गहराई से जांच की जाये और स्टॉक रजिस्टर में दर्ज वस्तुओं का मौजूदा स्टाक के साथ मेल होना बहुत अहम है। इस सम्बन्धी रिपोर्टें समय पर भेजे जाने पर भी उन्होंने ज़ोर दिया। मंत्री ने इस मौके पर मौजूद अफसरों को अपने-अपने जिलों में वर्कर मैनेजमेंट कमेटियों को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया जिससे वर्करों के मसलों का निपटारा करके उनको मुख्य धारा में शामिल किया जा सके। उन्होंने यह भी कहा कि मंडियों में कलस्टरों की स्थापना में समानता होनी चाहिए और किसी भी कलस्टर का सामथ्र्य 50,000 मीट्रिक टन से अधिक न हो।
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