
कारगिल संघर्ष के नायक कृष्ण कुमार की शहादत को सेना ने किया याद, परिजनों से जानी समस्याएं
जालंधर ब्रीज: कारगिल की लड़ाई में शहीद हुए सत्रहवीं जाट रेजीमेंट के सिपाही कृष्ण कुमार के अदम्य साहस को याद करते हुए भारतीय सेना ने ‘घर-घर शौर्य सम्मान’ के तहत उनके परिवाजनों से मुलाकात कर सम्मान पत्र व स्मृति चिन्ह भेंट किया है। सेना की ओर से हवलदार कमलेश बिश्रोई व सिपाही सुनील ने गांव तरकांवाली में उनके आवास पर पहुंच कर शहीद की पत्नी संतोष देवी, पुत्र मनोज व मुकेश से मुलाकात की और उनकी समस्याएं भी जानी।

कारगिल युद्ध के दौरान सिपाही कृष्ण कुमार दुश्मन से लोहा लेते हुए 20 वर्ष की आयु में 30 मई 1999 को शहीद हो गए। शहीद कृष्ण कुमार के भाई बलजीत ने बताया कि कृष्ण कुमार 25 दिनों की छुट्टी के बाद 25 मई 1999 को कारगिल पहुंचे थे।
सेना की ओर से आए प्रतिनिधियों ने बताया कि भारतीय सेना 26वां कारगिल विजय दिवस समारोह 26 जुलाई को आयोजित कर रही है और इसी उपलक्ष्य में ‘घर-घर शौर्य सम्मान’ के तहत शहीदों के परिजनों को सम्मान पत्र व स्मृति चिन्ह घर पर पहुंच कर दिया जा रहा है। उन्होंने यह बताया कि परिजनों से संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं के बारे में भी जानकारी ली जा रही है ताकि उनका निवारण किया जा सके। उन्होंने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सर्वाेच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों का देश सदैव ऋणी रहेगा।
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