
जालंधर ब्रीज: पंजाब के एडवोकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिए जाने पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने भगवंत मान सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार के चार महीने के शासन काल में पंजाब के तीनों मुख्य स्तंभ गिर गए हैं। पंजाब के डीजीपी पहले ही छुट्टी पर चले गए और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चीफ सैकटरी को बदल दिया और अब पंजाब के एडवोकेट जनरल के इस्तीफ दे दिया है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि एडवोकेट जनरल का कार्य होता है कि वो राज्य में कानून-व्यवस्था तथा उसके मामलों को देखना होता है, लेकिन पंजाब के डीजीपी पहले ही छुट्टी पर चले गए हैं और मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चीफ सैकटरी को बदल दिया है और अब पंजाब के एडवोकेट जनरल के दिए गए इस्तीफे ने साफ़ कर दिया है कि केजरीवाल तथा भगवंत मान सरकार की नीयत में खोट है। इनके विधायक और नेता प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ झगड़े और गाली-गलौच करते फिरते हैं।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि मान सरकार के एक विधायक द्वारा पहले जालंधर फिर दूसरे विधायक द्वारा लुधियाना में जिला प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ झगड़ा किया गया। भगवंत मान सरकार के नेताओं द्वारा प्रशासनिक अधिकारीयों के साथ झगड़े किया जाना इस सरकार की नौसिखियता को स्पष्ट दर्शाता है।
पंजाब के एक बड़े प्रशासानिक अधिकारी द्वारा समय से पहले रिटायरमेंट लेना तथा एक आइएएस अधिकारी अमृत कौर गिल द्वारा इस्तीफा देना भी भगवंत मान सरकार की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े करता है। पंजाब के प्रशासनिक अधिकारी पंजाब सरकार की कार्यशैली से बहुत दुःखी हैं। पंजाब में मान सरकार द्वारा कानून-व्यवस्था का हाल बदतर कर दिया गया है। अपराधी सरेआम कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे हैं और सरकार व पुलिस-प्रशासन चुपचाप तमाशा देख रही है। जनता में भय का माहौल है।
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