June 18, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

पंजाब में म्यूंसिपल सीमा से बाहर स्थित एकल इमारतों को मामूली दरों पर रेगुलर करने के लिए एक मौका मिला

Share news

जालंधर ब्रीज: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग की मंजूरी के बिना म्यूंसिपल सीमा से बाहर बनाई एकल इमारतों को बिल्डिंग उप -नियमों की सख्त पालना के साथ रेगुलर करने की मंजूरी दे दी है।

यह एकमुश्त निपटारा नीति के लिए आवेदन 31 मार्च, 2022 तक स्वीकृत किये जाएंगे और यह नीति ऐसी इमारतों को साधारण फीस और सरकारी बकाए के निपटारे की अदायगी के साथ रेगुलर किया जा सकेगा। इसके अलावा इनको योजनाबंदी के दायरे के तहत लाने और लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाना होगा।

नीति की प्रमुख विशेषताओं का जिक्र करते हुये मुख्यमंत्री कार्यालय के एक वक्ता ने बताया कि यह नीति सभी बकाए मामलों और 31 मार्च, 2022 तक सौंपे जाने वाले मामलों के लिए लागू होने योग्य होंगे। ऐसी इमारतें जो मास्टर प्लानज़ के अनुकूल इमारती नियमों के अंतर्गत बनाई गई हैं, को विचारा जायेगा।

रैगूलाईजेशन फीस के साथ सी.एल.यू., ई.डी.सी., एल.एफ./पी.एफ.,एस.आई.एफ. और इमारती जांच फीस जैसी सभी कानूनी दरों को अदा करना होगा जिनमें फॉर्महाउस के मामले में कवरड एरिया के 20 रुपए प्रति सुकेयर फुट, शिक्षा और मैडीकल संस्थाओं के लिए 20 रुपए, होटलों और ईटिंग ज्वाइंटज़ समेत कमर्शियल के लिए 35 रुपए, इंडस्ट्रियल के लिए 15 रुपए और धार्मिक, सामाजिक चैरिटेबल संस्थाओं के लिए एक रुपए अदा करने होंगे। सरकारी नियमों का उल्लंघन, यदि माफी योग्य हो, तो सरकार की नीति के मुताबिक माफी योग्य होगी।

यह जिक्रयोग्य है कि विभिन्न औद्योगिक और कालेजों के साझे संस्थाओं ने मुख्यमंत्री और आवास निर्माण और शहरी विकास के पास मामूली जुर्माने से एकमुश्त निपटारा नीति की माँग की थी। इसके अलावा पंजाब ब्यूरो आफ इनवेस्टमैंट परमोशन (पी.बी.आई.पी) ने भी राज्य में उद्योग की सुविधा के लिए रेगुलर दरों में कमी लाने की अपील की थी। इसके बाद विभाग ने महसूस किया कि हरेक साल 10 प्रतिशत के वृद्धि से यह दरें कई गुणा बढ़ गई और अपनी इमारतों को रेगुलर करवाने के लिए लोग आगे नहीं आ रहे।


Share news