
जालंधर ब्रीज: नाबार्ड के 40 वें स्थापना दिवस पर पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय ने आज एफपीओ के माध्यम से उत्पाद के सामूहिकरण एवं एकीकृत खेती के साथ किसानों की आय बढ़ाने पर एक वेबिनार का आयोजन किया । इस अवसर पर पंजाब सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) सह वित्तीय आयुक्त अनिरुद्ध तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
अनिरुद्ध तिवारी ने नाबार्ड के स्थापना दिवस पर नाबार्ड की वित्तीय एवं विकासात्मक संस्था के रूप में अनूठी भूमिका की सराहना की। श्री तिवारी ने पंजाब में सिंचाई और ग्रामीण संपर्क बनाने के लिए नाबार्ड द्वारा प्रदान की गई सहायता को सराहा । उन्होंने कहा कि बस्सी पठाना में मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट के लिए आरआईडीएफ के तहत दी जाने वाली सहायता से डेयरी फार्मिंग से जुड़े किसानों को फायदा होने वाला है। इसके अलावा, उन्होंने गेहूं और धान की मोनोकल्चर के स्थान पर बागवानी फसलों और बीज उत्पादन का व्यावसायीकरण करने के माध्यम से फसलों मे विविधता लाने पर ज़ोर दिया । उन्होंने कहा कि एफपीओ खेती की लागत को कम करने के साथ साथ विविधीकरण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है । उन्होंने बताया कि राज्य सरकार भी केंद्रीय योजना के तहत एफपीओ को बढ़ावा देने मे रुचि ले रही है ।
अपने स्वागत भाषण में नाबार्ड पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय के मुख्य महा प्रबन्धक डॉ राजीव सिवाच ने कोविड-19 महामारी के कारण मानव पीड़ा के बारे में चर्चा की । हालांकि, इसके बावजूद कृषि क्षेत्र में 2020-21 के दौरान सकारात्मक वृद्धि दिखाई थी । अनाज का कटोरा कहलाने वाले पंजाब में धान और गेहूं की रिकॉर्ड खरीद हुई । उन्होंने बताया कि नाबार्ड ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान राज्य में बुनियादी ढांचे की सहायता को दोगुना कर 600 करोड़ रुपये कर दिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में आरआईडीएफ की स्वीकृतिया रु10,000 करोड़ रुपये को पार कर गयी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि घटते भूजल स्तर के समाधान के लिए सूक्ष्म सिंचाई निधि के तहत 150 करोड़ रुपये की परियोजना भी स्वीकृत की गई है।
मुख्य महा प्रबन्धक ने राज्य में नाबार्ड द्वारा शुरू की गई विकास पहलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्पादों के सामूहिकीकरण और विपणन के लिए 108 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन किया गया है। नाबार्ड ने महामारी के दौरान ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के लिए एसएचजी और जेएलजी की महिला सदस्यों को विपणन सहायता प्रदान करने के लिए कदम उठाए।
कार्यक्रम में पंजाब स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक की प्रबंध निदेशक, सुश्री हरगुनजीत कौर, पीएससीएडीडीबी के प्रबंध निदेशक, राजीव गुप्ता, मिल्कफेड के प्रबंध निदेशक, के एस सांघा, पंजाब ग्रामीण बैंक के चेयरमैन एस के दुबे, एसबीआई के महा प्रबन्धक , एसएलबीसी के अधिकारी, एफपीओ के निदेशक मंडल के सदस्य आदि भी शामिल रहे ।

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