
जालंधर ब्रीज:
राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन को सुनिश्चित करने के लिए, शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने निम्नलिखित विषय पर सिफारिशें करने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया:
• परीक्षा प्रक्रिया के तंत्र में सुधार,
• डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार।
• राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचना और कार्यप्रणाली
उच्च-स्तरीय समिति के अध्यक्ष और सदस्य निम्नलिखित होंगे।
1 | डॉ. के. राधाकृष्णन,पूर्व अध्यक्ष, इसरो और अध्यक्ष बीओजी, आईआईटी कानपुर। | अध्यक्ष |
2 | डॉ. रणदीपगुलेरिया,पूर्व निदेशक, एम्स दिल्ली। | सदस्य |
3 | प्रो. बीजेराव,कुलपति, केंद्रीय विश्वविद्यालय हैदराबाद | सदस्य |
4 | प्रो. राममूर्तिके,प्रोफेसर एमेरिटस, सिविल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी मद्रास। | सदस्य |
5 | श्रीपंकजबंसल,सह-संस्थापक, पीपल स्ट्रॉन्ग और बोर्ड सदस्य- कर्मयोगी भारत। | सदस्य |
6 | प्रो. आदित्यमित्तल,डीन स्टूडेंट अफेयर्स, आईआईटी दिल्ली | सदस्य |
7 | श्रीगोविंदजायसवाल,संयुक्त सचिव, शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार | सदस्य सचिव |
समिति के विचारार्थ विषय इस प्रकार हैं:
(i) परीक्षाप्रक्रिया के तंत्र में सुधार
(ए) संपूर्ण परीक्षा प्रक्रिया का विश्लेषण करना तथा प्रणाली की दक्षता में सुधार करने तथा किसी भी संभावित उल्लंघन को रोकने के लिए उपाय सुझाना।
(बी) एनटीए की मानक संचालन प्रक्रियाओं (एसओपी)/प्रोटोकॉल की गहन समीक्षा करना तथा प्रत्येक स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए निगरानी तंत्र के साथ-साथ इन प्रक्रियाओं/ प्रोटोकॉल को मजबूत करने के उपाय सुझाना।
(ii) डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार
(ए) एनटीए की मौजूदा डेटा सुरक्षा प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल का मूल्यांकन करना तथा इसके सुधार के लिए उपाय सुझाना।
(बी) विभिन्न परीक्षाओं के लिए पेपर-सेटिंग तथा अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करना तथा प्रणाली की मजबूती बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना।
(iii) राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी की संरचनाए वं कार्यप्रणाली
(ए) बिंदु (i) और (ii) के तहत दी गई सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की संगठनात्मक संरचना और कार्यप्रणाली पर सिफारिशें करना तथा प्रत्येक स्तर पर पदाधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना।
(बी)एनटीए की वर्तमान शिकायत निवारण प्रणाली का आकलन करना, सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना तथा इसकी कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए सिफारिशें करना।
समिति इस आदेश के जारी होने की तिथि से दो महीने के भीतर मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
समिति अपनी सहायता के लिए किसी भी विषय विशेषज्ञ को सहयोजित कर सकती है।
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