June 17, 2025

Jalandhar Breeze

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तीसरा इंटरपोल यंग ग्लोबल पुलिस लीडर्स प्रोग्राम संपन्न हुआ

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जालंधर ब्रीज: इंटरपोल यंग ग्लोबल पुलिस लीडर्स प्रोग्राम (वाईजीपीएलपी) के समापन सत्र को श्री सुबोध कुमार जायसवाल, निदेशक, सीबीआई ने आज (02.02.2023) मुंबई में संबोधित किया, जिसमें उन्होंने वैश्विक अपराध परिदृश्य में पुलिस एजेंसियों के मध्य अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की अनिवार्य आवश्यकता पर जोर दिया। अपने संबोधन में, उन्होंने यंग पुलिस लीडर्स को विनम्रता एवं व्यापक अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य के साथ नेतृत्व के गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित किया।

तीसरा इंटरपोल यंग ग्लोबल पुलिस लीडर्स प्रोग्राम (YGPLP), होनहार यंग पुलिस लीडर्स हेतु इंटरपोल का एक प्रमुख नेतृत्व कार्यक्रम (Leadership Programme) है, जिसका आयोजन, भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली; गुजरात एवं भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में दिनाँक 25 जनवरी से 2 फरवरी, 2023 के मध्य किया गया। इस कार्यक्रम में 44 देशों के 59 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य एवं समझ में अंतर्राष्ट्रीय पुलिस लीडर्स की अगली पीढ़ी को एक साथ लाना और उन्हें सशक्त बनाना है।

बढ़ते अंतरराष्ट्रीय एवं जटिल अपराधों का सामना करते हुए, क्षेत्राधिकार और विषयों में भागीदारी पुलिसिंग के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाएगी। इस पृष्ठभूमि में, वैश्विक आपराधिक जांच में विश्वास बनाने और/या बनाए रखने में मदद करने के लिए अवधारणाओं की पहचान, विश्लेषण, कल्पना; अंतर्राष्ट्रीय सहयोग का महत्व एवं इसके प्रस्तावक तथा वैश्विक नेटवर्क निर्माण के रूप में इंटरपोल की भूमिका महत्वपूर्ण है।

इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों को पुलिसिंग में उभरती प्रवृत्तियों, कानून प्रवर्तन के लिए बढ़ती चुनौती के मुद्दों, नागरिकों के साथ विश्वास बनाने की आवश्यकता एवं तेजी से बढ़ते डिजिटल दुनिया में अपराध से लड़ने के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा करने में सक्षम बनाया। न केवल अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों, बल्कि नीति निर्माताओं, शिक्षाविदों, तकनीकी फर्मों एवं अन्य निजी संस्थाओं के साथ सहयोग की बढ़ती अनिवार्यता को भी संबोधित किया गया।

इंटरपोल के महासचिव युर्गेन स्टॉक(Mr. Jurgen Stock ) ने भी प्रतिभागियों को वर्चुअल माध्यम(virtual mode )से परामर्श (mentored) दी।

इस 09 दिवसीय कार्यक्रम के दौरान, प्रतिभागियों को अन्य बातों के साथ-साथ समृद्ध पेशेवर क्षमताओं, नवाचारों एवं भारतीय पुलिस द्वारा विकसित सर्वोत्तम कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी मिली, जो उनके लिए अपने संबंधित देशों में अनुकरण करने के लिए एक नमूना (template ) हो सकता है। इस पहल ने विश्वगुरु भारत की भावना के साथ पुलिसिंग डोमेन में अंतर्राष्ट्रीय क्षमता निर्माण की दिशा में योगदान देने का प्रयास किया गया।

अपने प्रवास के दौरान, यंग ग्लोबल पुलिस लीडर्स ने गणतंत्र दिवस समारोह में हिस्सा लिया; राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर श्रद्धांजलि दी; सीबीआई मुख्यालय, ग्लोबल ऑपरेशंस सेंटर का दौरा किया; दिल्ली पुलिस मुख्यालय एवं उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार; विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा), केंद्रीय गृह मंत्रालय; निदेशक, सीबीआई एवं सीबीआई के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा की।

ऑस्ट्रेलिया न्यूज़ीलैंड पुलिसिंग एडवाइजरी एजेंसी में इनोवेशन एंड रिसर्च के कार्यवाहक सहायक निदेशक डॉ. निक इवांस और आइसलैंड की राष्ट्रीय पुलिस आयुक्त सुश्री सिग्रीर ब्योर्क गुओजोन्सडॉटिर(Ms Sigriour Bjork Guojonsdottir) ने प्रतिभागियों के साथ अपने समृद्ध अनुभव को साझा किया।

जोस लुइस सोरियानो रुइज़, स्पैनिश नेशनल पुलिस काउंटर-टेररिज्म स्क्वाड, ने आतंकवाद के संबंध में स्पेन के अनुभव पर चर्चा प्रतिभागियों के साथ बातचीत की । स्पेन के इतिहास में किए गए सबसे घातक आतंकवादी हमलों में से एक के बारे में विधिवत व्याख्या की गयी।

एक सत्र को ए.आर.पी.डी.जे. डी अल्विस( De Alwis), निदेशक, काउंटर टेररिज्म एंड इन्वेस्टिगेशन डिवीजन, श्रीलंकाई पुलिस, ने आतंकवादी हमलों के बाद समुदायों के भीतर ट्रस्ट बिल्डिंग एवं साझेदारी की आवश्यकता पर बात की।

अत्याधुनिक फोरेंसिक के बारे में जानने के लिए प्रतिभागियों ने राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू), गांधीनगर का अध्ययन दौरा किया। उन्होंने गुजरात में कार्यक्रम के दौरान गुजरात पुलिस एवं सीमा सुरक्षा बल के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बातचीत की।

मुंबई की अपनी यात्रा के दौरान, प्रतिभागियों को महाराष्ट्र में पुलिस गतिविधियों के पैमाने और दायरे के बारे में तथा पुलिसिंग के परिणाम बढ़ाने हेतु अंतरराष्ट्रीय पुलिस सहयोग की आवश्यकता पर पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस आयुक्त सहित महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ पुलिस गठन के साथ बातचीत करने का अवसर मिला। प्रतिभागियों को मुंबई पुलिस नियंत्रण कक्ष एवं सामुदायिक पुलिसिंग के माध्यम से विश्वास निर्माण के प्रयासों तथा गणपति महोत्सव जैसे सामूहिक समारोहों के प्रबंधन व मुंबई आतंकी हमलों के विशिष्ट संदर्भ में आतंकवाद की चुनौतियों से भी अवगत कराया गया।


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