
जालंधर ब्रीज: बीते चार दिनों से रोज़मर्रा के नये मामलों में कमी आने के मद्देनजऱ मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य में 31 मई तक कफ्र्यू को लॉकडाउन में बदलने का ऐलान किया है। इसी के साथ ही मुख्यमंत्री ने 18 मई से ग़ैर-सीमित जोनों में अधिक से अधिक संभावी ढील देने और सीमित सार्वजनिक परिवहन बहाल करने के भी संकेत दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि ग़ैर-सीमित इलाकों में दुकानें और छोटे कारोबार शुरू करने के लिए सीमित जोन सख्ती से सील किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 4.0 के लिए केंद्र सरकार के नये दिशा -निर्देशों का लेखा -जोखा करके दी जाने वाली छूटों का ऐलान सोमवार तक कर दिया जायेगा। हालाँकि उन्होंने स्पष्ट किया कि बच्चों की सुरक्षा के हित में शैक्षिक संस्थाएं फिलहाल बंद रहेंगी।
मुख्यमंत्री ने लोगों को और ज्यादा सचेत रहने और उनकी सरकार को सहयोग करने की अपील की क्योंकि राज्य में पिछले 55 दिनों से सख्ती से लागू किये कफ्र्यू को लॉकडाउन में तबदील करके ढील दी जा रही है। इसके साथ ही उन्होंने विरोधी पक्ष को कोविड के गंभीर मुद्दे पर संकुचित राजनीति न खेलने की अपील की है और संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार के साथ सहयोग करने के लिए कहा जिसका उन्होंने पहले वायदा भी किया था।मुख्यमंत्री ने खुलासा किया कि प्रधान मंत्री की तरफ से माँगे गए सुझाव अनुसार राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सुझाव भेज कर छूटों देकर राष्ट्रीय लॉकडाउन की सिफ़ारिश की थी जिस को 31 मई तक बढ़ाया जाना चाहिए।
केंद्रीय सरकार की तरफ से ग्रीन /ओरेंज /रेड जोन के वर्गीकरण की बजाय सीमित या ग़ैर -सीमित जोन ऐलानने का पक्ष लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र को भी यही सुझाव दिया है। उन्होंने बताया कि इस समय पर पूरा जि़ला ही एक जोन है या अधिकांशत: वहां 2यूनिट जैसे नगर निगम का क्षेत्र और ग़ैर -निगम क्षेत्र होते हैं। मौजूदा प्रणाली के मुताबिक जिले के एक हिस्से में कोविड मामलों के कारण पूरे जिले को रेड जोन की श्रेणी में डाल दिया जाता है जिससे वहां उद्योग और दुकानों आदि कारोबार बहुत सी बन्दिशों के तहत आ जाते हैं। उन्होंने इस प्रणाली को ख़त्म करके सीमित इलाके पर आधारित रणनीति को अपनाने के लिए कहा।
‘कैप्टन को सवाल ‘ की लड़ी के तौर पर फेसबुक के ज़रिये वार्तालाप के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में नांदेड़ से श्रद्धालुओं और कोटा आदि से विद्यार्थियों के आने से मामलों में एकदम विस्तार हुआ था परन्तु बीते चार दिनों से रोज़मर्रा के नये मामलों में कमी आई है। उन्होंने लोगों की तरफ से दिए सहयोग के लिए भी धन्यवाद किया जिस कारण राज्य कोविड के मामलों पर काबू पा सका है। उन्होंने बताया कि दूसरे कुछ राज्यों के उलट पंजाब में दुगने मामलों की दर 44 दिन है जबकि महाराष्ट्र की 11 दिन की दर है।
उन्होंने चेतावनी देते हुये कहा कि अन्य प्रवासी कामगार और एन.आर.आईज़ के पंजाब में दाखि़ल होने से संख्या और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में से वापस आने के लिए 60 हज़ार और विदेशों में से पंजाब लौटने के लिए 20 हज़ार पंजाबियों की तरफ से अब तक रजिस्ट्रेशन करवाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि उनकी सरकार अपने राज्यों को वापस जाने के इच्छुक प्रवासी कामगार के जाने के लिए ख़र्च और हर सुविधा जारी रखेगी। उन्होंने कहा कि यह यकीनी बनाने के लिए कि कोई व्यक्ति भूखा न रहे, हर यत्न किया जा रहा है। उन्होंने इस बात से सहमति जताई कि अब तक की गई एक लाख खाद्य पैकटों की बाँट काफ़ी नहीं और इस सम्बन्ध में और कदम उठाए जाने की ज़रूरत है।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा संस्थान सख्ती से बंद रखे जाएंगे क्योंकि वह बच्चों की जि़न्दगियों को लेकर किसी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहते। उन्होंने कहा कि वह स्कूल जिनके पास बंदोबस्त है, वह ऑनलाइन क्लासों शुरू कर सकते हैं परन्तु यह फीस बढ़ाए बगैर और ट्युूशन फीस के अलावा और कोई चार्ज लिए बिना करना होगा।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि कि राज्य सरकार ने केंद्र को भेजी अपनी सिफारिशों में हवाई यातायात, ट्रेनों और अंतर-राज्ज़ीय बस सेवा कम संख्या यात्रियों की शर्त के साथ शुरू करने के साथ-साथ कोविड को ध्यान में रखते यात्रियों की कम सामथ्र्य की शर्त के साथ अंतर-जि़ला और जिलों के अंदर बस सेवा और यात्रियों और ड्राईवर के बीच स्क्रीन के प्रबंधों के साथ टैक्सी, कैब, रिक्शा, आटो रिक्शा कम संख्या यात्रियों की शर्त के साथ फिर शुरू करने के लिए कहा है।
मुख्यमंत्री द्वारा बताए राज्स सरकार के अन्य सुझावों में सभी मार्केट और मार्केट कम्पलैकसों में दुकानों खोलने की आज्ञा देना, शहरी क्षेत्रों में बिना किसी पाबंदी के उद्योगों और निर्माण कामों को चलाना और साथ ही सभी चीजों के लिए ई -कामर्स की इजाज़त देना शामिल है।
राज्य सरकार के सुझावों के अनुसार निजी और सरकारी, दोनों दफ्तरों को आम दफ़्तरी समय के दौरान पूरे हफ्ते के लिए खुलने की आज्ञा दी जा सकती है। हालाँकि, राज्य 31 मई, 2020 तक शैक्षिक संस्थाओं में अध्यापन दोबारा शुरू करने के हक में नहीं है।
मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि राज्य सरकार प्रात:काल 5बजे से शाम 7 बजे तक व्यक्तियों के यातायात पर कोई पाबंदी लगाने के हक में नहीं और यह सुझाव दिया गया कि पाबंदी, अगर कोई है, तो शाम को 7बजे से प्रात:काल 5बजे के बीच लगाई जा सकती है।
हालाँकि, राज्य सरकार ऐसी गतिविधियों पर निरंतर रोक के हक में थी जहाँ एक छत के नीचे बड़ी भीड़ होगी जैसे कि शॉपिंग मॉल, सिनेमा घर, विवाह और दावत हॉल, सामाजिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक जलसा, धार्मिक स्थान आदि।
एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की बुआई की तारीख़ 10 जून से अग्रिम करके 1जून करना संभव नहीं है क्योंकि अभी गेहूँ मंडियों में आ रही है।
मुख्यमंत्री ने संगरूर के एक छोटे कारोबारी के सवाल के जवाब में कहा कि हालाँकि उद्योगों के लिए प्रोत्साहन भारत सरकार पर निर्भर करता है और वह केंद्र के पास यह मुद्दा निजी तौर पर उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि 18 मई के बाद अधिक से अधिक दुकानों और कारोबार का खुलना यकीनी बनाने के लिए सभी यत्न किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले कुछ दिनों में इस संबंधी विस्तृत दिशा -निर्देश जारी किये जाएंगे।
अंत में कैप्टन अमरिन्दर ने मुख्यमंत्री कोविड राहत फंड में खुले दिल के साथ योगदान डालने के लिए आगे आने के लिए समूह पंजाबियों का धन्यवाद किया।
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