
जालंधर ब्रीज: डिप्टी कमिश्नर संदीप हंस ने कहा कि प्राकृतिक स्त्रोतों की संभाल समय की मुख्य जरुरत है, इस लिए किसानों को फसली चक्र में से निकलकर वैकिल्पक फसलों का राह अपनाना चाहिए। वे आज कृषि विज्ञान केंद्र बाहोवाल में जिला स्तरीय धान की सीधी बिजाई संबंधी किसान प्रशिक्षण व जागरुकता कैंप के दौरान किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वातावरण की शुद्धता व जमीन की उपजाऊ शक्ति बरकरार रखने के लिए किसान अधिक से अधिक धान की सीधी बिजाई करें। उन्होंने कहा कि इससे जहां पानी की बचत होती है, वहीं खेती खर्चे भी कम होते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से धान की सीधी बिजाई के लिए किसानों को उत्साहित करने के लिए 1500 रुपए प्रति एकड़ भी दिए जाएंगे।
डिप्टी कमिश्नर ने किसानों को अपील करते हुए कहा कि कृषि को लाभप्रद धंधा बनाने के लिए माहिरों की सिफारिश अनुसार वैकिल्पक फसले बीजी जाएं। उन्होंने धान की काश्त कर रहे किसानों को धान की सीधी बिजाई की विधि ही अपनाने के लिए कहा, ताकि वातावरण को शुद्ध रखा जा सके। उन्होंने कहा कि गेहूं के नाड़, अवशेषों को आग लगाने से जहां वातावरण दूषित होता है, वहीं जमीन के मित्र कीड़े भी मर जाते हैं। उन्होंने कहा कि किसान वातावरण के रक्षक बनकर गेहूं के नाड़, अवशेषों को बिना आग लगाए इसका खेत में ही प्रबंधन करें। उन्होंने कहा कि इन अवशेषों का खेत में ही प्रबंधन करने से धान की सीधी बिजाई के लिए डी.एस.आर. ड्रिल आदि मशीने किराए पर भी प्राप्त की जा सकती हैं व इसके लिए कृषि विज्ञान केंद्र व अपने नजदीकी कृषि कार्यालय के साथ संपर्क किया जा सकता है।
डिप्टी डायरेक्टर(प्रशिक्षण) कृषि विज्ञान केंद्र डा. मनिंदर सिंह बौंस ने किसानों को धान की सीधी बिजाई के अलावा मक्की, पेठा, कद्दू, खीरा, तिल, मूंगफली व सोयाबिन की काश्त के बारे में जानकारी सांझी की। उन्होंने पानी की संभाल संबंधी तकनीकी जानकारी देते हुए बताया कि के.वी.के की ओर से किसानों को धान की सीधी बिजाई के लिए लक्की सीड ड्रिल बुकिंग पर मुहैया करवाया जा रहा है। मुख्य कृषि अधिकारी डा. सतनाम सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि जिले में धान की सीधी बिजाई का रुझान बढ़ा है व इस विधि से सिंचाई वाले पानी, लेबर व ऊर्जा की बचत होती है।
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना की ओर से किसानों को ोतों संभाल तकनीको संबंधी जागरुक करने के लिए लगाए गए इस जिला स्तरीय कैंप में कृषि माहिर डा. गुरप्रताप सिंह, इंजीनियर अजायब सिंह, डा. प्रभजोत कौर, डा. सुखविंदर सिंह औलख, डा. कवंरपाल सिंह ढिल्लो ने भी किसानों के साथ अहम जानकारी सांझी की। कैंप के दौरान डिप्टी कमिश्नर ने कृषि विज्ञान केंद्र व इसकी अलग-अलग प्रदर्शनी ईकाईयों का दौरा भी किया। कैंप में ड्रिल के माध्यम से धान की सीधी बिजाई की प्रदर्शनी भी की गई व कृषि की नवीनतम तकनीकों संबंधी प्रदर्शनी व बीज की बिक्री भी आयोजित की गई। इस मौके पर कृषि विकास अधिकारी डा. किरनजीत सिंह, डा. हरप्रीत सिंह के अलावा भारी गिनती में किसान उपस्थित थे।
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