
जालंधर ब्रीज: सर्दियों में ठंडी हवाएं स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ा देती हैं और हमें विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ. रणजीत सिंह घोत्रा ने कहा कि ठंड के मौसम से बचने के लिए गर्म कपड़े और दस्ताने, टोपी, मफलर और जूते जरूरी हैं।
ठंड के मौसम में टाइट-फिटिंग कपड़े न पहनें क्योंकि इससे रक्त प्रवाह कम होता है। उन्होंने कहा कि शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाने के लिए विटामिन-सी से भरपूर फल और सब्जियों जैसे पौष्टिक भोजन का इस्तेमाल करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर पीने के लिए गर्म पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
सिविल सर्जन ने शरीर के तापमान में कमी, कंपकंपी, स्मृति हानि, बेहोशी, जीभ फड़कना आदि जैसे किसी भी लक्षण के मामले में तत्काल चिकित्सा सलाह लेने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शीत लहर के दौरान फ्लू, सर्दी, खांसी और फ्लू जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है और चिकित्सा सहायता मांगी जानी चाहिए ।
ठंड के मौसम में मधुमेह, उच्च रक्तचाप और सांस लेने में तकलीफ, छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों जैसे पुराने रोगों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉ रणजीत सिंह ने कहा कि रूम हीटर, ब्लोअर आदि का प्रयोग तभी करना चाहिए जब कमरे में वेंटिलेशन हो। सोते समय बंद कमरे में कोयले की आग का उपयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि कोयले के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है जो घातक हो सकती है।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सिविल सर्जन ने लोगों से अपील की कि जहां हमें सर्दी से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, वहां कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित नियमों को मास्क लगाकर रखा जाए, हाथ धोने का पालन करना भी महत्वपूर्ण है क्योंकि कोविड -19 महामारी के दौरान इन नियमों का पालन करने से स्वस्थ और स्वच्छ समाज का सपना साकार हो सकता है।
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