
जालंधर ब्रीज: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री डॉ सुभाष शर्मा ने नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट 2013 जब पास हुआ तो उनकी पत्नी सरकार का हिस्सा थी और वह स्वयं भी सांसद थे, उन्होंने विरोध क्यों नहीं किया नवजोत सिद्धू को 8 साल क्यों लग गए यह समझने में कि यह कानून किसानों के हित में नहीं है। उन्होंने सिद्धू पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले साढे 4 साल से आपकी सरकार पंजाब में है, आपने इस कानून को रद्द क्यों नहीं किया।
डॉ. सुभाष शर्मा ने नवजोत सिंह सिद्धू को याद दिलाया कि मोदी सरकार द्वारा जो कृषि सुधार किए गए हैं उनकी शुरुआत डॉ मनमोहन सिंह ने की थी। राहुल गांधी ने 2013 में प्रेस वार्ता कर कांग्रेस शासित सभी राज्यों को एपीएमसी एक्ट में सुधार करने का निर्देश दिया था। उन्होंने कहा कि स्वयं अमरिंदर सिंह सरकार ने 2017 में एपीएमसी एक्ट को संशोधित कर प्राइवेट मंडी, प्राइवेट यार्ड तथा किसान से सीधी खरीद जैसे प्रावधान किए थे। नवजोत सिंह सिद्धू को कटघरे में खड़े करते हुए डॉ. सुभाष शर्मा ने कहा कि जब यह कानून पास हो रहा था तो सिद्धू ने कैबिनेट मीटिंग तथा विधानसभा में इसका विरोध क्यों नहीं किया। क्या पंजाब सरकार के इस नए कानून में प्रावधान था कि प्राइवेट मंडी में कोई व्यापारी एमएसपी से कम नहीं खरीदेगा। उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू को अपनी सरकार द्वारा बनाए इस नए कानून को विधानसभा का विशेष सेशन बुलाकर तुरंत रद्द करना चाहिए।
केंद्र द्वारा बनाए गए कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि एक्ट में प्रावधान है कि कांटेक्ट सिर्फ उपज पर होगा जमीन पर नहीं हो सकता। यहां तक कि किसान पर अगर देनदारी भी निकल जाए तो भी उसकी जमीन से रिकवरी नहीं की जा सकती। डॉक्टर शर्मा ने नवजोत सिंह सिद्धू को चुनौती देते हुए कहा कि वह बताएं इस कानून के किस प्रावधान में यह लिखा है कि उद्योगपति किसान की जमीन पर कब्जा कर सकते हैं। उन्होंने इस विषय पर उन्हें सार्वजनिक मंच पर बहस की भी चुनौती दी तथा कहा कि सिद्धू व अन्य कांग्रेस नेता झूठ फैलाने के लिए पंजाब के किसानों से माफी मांगे।
इस पत्रकार वार्ता में पंजाब के मीडिया सलाहकार कर्नल जयबंस सिंह गिल, प्रवक्ता सरदार एस.एस चन्नी रिटायर्ड (आई.ए.एस) , बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ के संयोजक डॉ स्वर्ण सिंह रिटायर्ड (आई.ए.एस) तथा प्रदेश मीडिया सह संयोजक ध्रुव वधवा उपस्थित थे।
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