June 17, 2025

Jalandhar Breeze

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विजीलैंस ब्यूरो द्वारा अमरूद के पौधों के मुआवज़े सम्बन्धी घोटाले में एक और मुलजि़म गिरफ़्तार

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जालंधर ब्रीज: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरु की गई मुहिम के दौरान आज एस.ए.एस. नगर जिले के गाँव बाकरपुर में अमरूदों के पौधों के मुआवज़े सम्बन्धी हुए घोटाले के मुलजि़म सतीश बांसल, निवासी विशाल नगर, बठिंडा को गिरफ़्तार किया है।  

इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि मुलजि़म सतीश बांसल, चंचल कुमार और उसकी पत्नी परवीन लता निवासी बठिंडा के साथ ‘अग्रवाल स्टील इंडस्ट्रीज़’ फर्म में हिस्सेदार था। इस मामले में परवीन लता और चंचल कुमार का भाई मुकेश जिन्दल दोनों मुलजि़म हैं और इस समय जेल में बंद हैं।  

उन्होंने आगे बताया कि अग्रवाल स्टील इंडस्ट्रीज़ ने सतीश बांसल, परवीन लता और मुकेश जिन्दल के पिता देस राज के ज़रिये फरवरी 2018 में गाँव बाकरपुर में 3 एकड़ ज़मीन बराबर हिस्सेदारी के साथ खऱीदी थी। उक्त ज़मीन को खरीदने के उपरांत उन्होंने इस ज़मीन पर अमरूद के पौधे लगा दिए, क्योंकि वह अच्छी तरह से जानते थे कि यह ज़मीन अधिग्रहण की जा रही है। उक्त मुलजि़मों ने राजस्व विभाग, बाग़बानी विभाग और गमाडा के सम्बन्धित अधिकारियों की मिलीभगत के साथ यह दिखाकर कि यह पौधे 2016 में लगाए गए हैं, गलत ढंग से मुआवज़े के तौर पर करोड़ों रुपए वसूल लिए।  

प्रवक्ता ने आगे बताया कि इस घोटाले के मास्टरमाईंड भुपिन्दर सिंह, मुकेश जिन्दल और अन्यों की सहायता के साथ सतीश बांसल ने अपनी 12 कनाल 13 मरले ज़मीन में लगाए पौधों के लिए दावा करके 1.54 करोड़ रुपए का मुआवज़ा प्राप्त किया, जबकि उसकी फर्म की मलकियत के अधीन केवल 8 कनाल ही थे।  

इसके अलावा, गमाडा के लैंड ऐक्यूज़ीशन अफ़सर ने सतीश बांसल समेत उपरोक्त मालिकों को ज़मीन/ बाग के स्व-दावों के आधार पर अमरूद के पौधों का मुआवज़ा जारी किया था, जबकि ज़्यादातर ज़मीन साझी मलकियत के अधीन है और सह-मालिकों के दरमियान शेयरों की बाँट नहीं की गई। उन्होंने बताया कि इस मामले की आगे की जांच जारी है।  
 
 ज़मानतों के लिए दो अजिऱ्याँ ख़ारिज  
 
इस मुआवज़े सम्बन्धी घोटाले में स्थानीय अदालत ने मुलजि़म बाग़बानी विकास अफ़सर वैशाली और मुलजि़म लाभपात्री गुरप्रीत कौर द्वारा दायर आगामी ज़मानत की अजिऱ्याँ ख़ारिज कर दी हैं।

विजीलैंस ब्यूरो ने सुपरीटेंडैंट इंजीनियर को 1,00,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों किया गिरफ्तार

पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के खि़लाफ़ चलाए जा रहे अभियान के दौरान सोमवार को एस.ए.एस. नगर में जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग में सुपरीटेंडैंट इंजीनियर, क्वालिटी कंट्रोल के पद पर तैनात आर.के. गुप्ता को 1,00,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया।

विजीलैंस ब्यूरो के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी को श्री मुक्तसर साहिब निवासी लखपत राय की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजीलैंस ब्यूरो से संपर्क किया और बताया कि वह एक सरकारी ठेकेदार के साथ काम कर रहा है, जिसे श्री मुक्तसर साहिब जि़ले के कोटभाई ब्लॉक के गाँव खुनान में सुरक्षित पेयजल आपूर्ति योजना को बढ़ाने के लिए एक निविदा आवंटित की गई थी। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि उक्त सुपरीटेंडैंट इंजीनियर ने लंबित बिलों को निपटाने और उक्त परियोजना की निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 2,00,000 रुपए रिश्वत की माँग की है, लेकिन सौदा एक लाख रुपए में तय हुआ है।

प्रवक्ता ने बताया कि शिकायत की प्रारंभिक जाँच के बाद बठिंडा रेंज की विजीलैंस ब्यूरो यूनिट ने जाल बिछाया और आरोपी सुपरीटेंडैंट इंजीनियर को दो आधिकारिक गवाहों की हाजिऱी में शिकायतकर्ता से 1,00,000 रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया गया है। विजीलैंस ब्यूरो टीम ने मौके पर रिश्वत की रकम भी बरामद कर ली गई है।

इस संबंध में उक्त आरोपी के खिलाफ विजीलैंस थाना बठिंडा में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस मामले में आगे की जाँच चल रही है।


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