
जालंधर ब्रीज: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अपनी मुहिम के अंतर्गत सिवल सर्जन दफ़्तर, गुरदासपुर में जन्म और मौत सर्टिफिकेट रजिस्ट्रेशन शाखा में क्लर्क के तौर पर तैनात हरप्रीत सिंह को 30,000 रुपए रिश्वत लेने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया है। इस मुकदमे में उक्त अस्पताल में वार्ड अटेंडेंट के तौर पर तैनात मुख्य मुलजिम रविन्दरपाल सिंह को पहले ही गिरफ़्तार किया जा चुका है।
इस सम्बन्धी और जानकारी देते हुये आज यहाँ विजीलैंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में दोष लगाया है कि उसने अपने चाचे की मौत सम्बन्धी सर्टिफिकेट लेने के लिए आवेदन दिया था परन्तु वार्ड अटेंडेंट ने यह सर्टिफिकेट जारी करवाने के बदले 40,000 रुपए रिश्वत की माँग की थी। शिकायतकर्ता द्वारा बातचीत के उपरांत रिश्वत की रकम 30,000 रुपए तय हो गई। इसके उपरांत उक्त मुलजिम रविन्दरपाल सिंह को 30,000 रुपए रिश्वत लेते हुये रंगे हाथों काबू कर लिया गया था।
उन्होंने आगे कहा कि आगामी जांच के दौरान उक्त वार्ड अटेंडेंट ने खुलासा किया है कि उसने उक्त रिश्वत अपने और उक्त क्लर्क हरप्रीत सिंह के लिए ली थी। तकनीकी विश्लेषण ने भी रिश्वत मांगने और लेने के लिए उन दोनों की मिलीभुगत को साबित किया है।
प्रवक्ता ने बताया कि उक्त मुख्य मुलजिम के खुलासे के आधार पर हरप्रीत सिंह को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की सम्बन्धित धाराओं के अंतर्गत उक्त केस में नामज़द किया गया और आज उसको विजीलैंस ब्यूरो यूनिट गुरदासपुर ने गिरफ़्तार कर लिया है। उन्होंने आगे बताया कि इस केस की आगे जांच जारी है।
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