
जालंधर ब्रीज: पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने रिश्वत केस में भगौड़े चले आ रहे केंद्रीय जेल अमृतसर के वार्डर हरप्रीत सिंह (नंबर 4611) को आज गिरफ्तार कर लिया है, जिसने उक्त जेल में बंद दोषी गुरसेवक सिंह से एक मोबायल फ़ोन की बरामदगी के उपरांत उसके खि़लाफ़ मुकदमा दर्ज करवाने का डरावा देकर उससे 8000 रुपए बतौर रिश्वत हासिल करने के दर्ज मुकदमे में भगौड़ा था। उधर एक अलग केस में बस अड्डा जालंधर में निजी बस के हाकर जसबीर सिंह निवासी गाँव कुरेशिया जि़ला जालंधर को भी गिरफ्तार किया है, जो पंजाब रोडवेज़ के कर्मचारी के साथ मिलीभुगत करके बस अड्डे में से सरकारी बसों के रवानगी के समय को बदलकर प्राईवेट बसों को लाभ दिलाने सम्बन्धी प्राईवेट बस वालों से रिश्वत इक_ी करने के दोष सम्बन्धी दर्ज केस में भगौड़ा था।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि दोषी वार्डर हरप्रीत सिंह निवासी गाँव वैरोवाल दारापुर, जि़ला तरन तारन पर केंद्रीय जेल अमृतसर में बंद दोषी गुरसेवक सिंह से एक मोबाइल फ़ोन बरामद करने के बदले मुकदमा दर्ज करवाने का डरावा देकर उससे 8000 रुपए रिश्वत हासिल करने के दोष लगे थे।
उन्होंने बताया कि इसके सम्बन्ध में पहले ही थाना इस्लामाबाद, अमृतसर में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 और 42, 52-ए जेल कानून के अंतर्गत एफ.आई.आर नंबर 152, तारीख़ 07-04-2022 को एक केस दर्ज किया हुआ था और इसमें भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धराएं लगी होने के कारण यह मुकदमा विजीलैंस ब्यूरो अमृतसर को तबदील किया गया था। उक्त मुलजिम की गिरफ्तारी के उपरांत उससे और पूछ-ताश जारी है।
प्रवक्ता ने बताया कि पंजाब रोडवेज़ के कुछ कर्मचारी और प्राईवेट व्यक्तियों पर निजी बसों को फ़ायदा पहुँचाने के लिए बस अड्डे से सरकारी बसों के चलने का समय बदलकर रोजाना/माहवार रिश्वत वसूलने के दोष लगे थे। इस सम्बन्ध में ब्यूरो द्वारा पहले ही विजीलैंस ब्यूरो के थाना अमृतसर में भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7, 7-ए और 120-बी आई.पी.सी के अंतर्गत एफ.आई.आर नंबर 05, तारीख़ 30.04.2021 को एक केस दर्ज किया हुआ है। उन्होंने बताया कि इस मामले में मुलजिम जसबीर सिंह को बस अड्डा जालंधर से गिरफ्तार किया गया है और उससे आगे की पूछ-ताश जारी है।
विजीलैंस द्वारा सहकारी सभा का सहायक रजिस्ट्रार 20,000 रुपए रिश्वत लेता रंगे हाथों काबू
पंजाब विजीलैंस ब्यूरो ने आज दविन्दर कुमार, सहायक रजिस्ट्रार, को-ऑपरेटिव और मार्किटिंग सोसायटीज, ब्लॉक दसूहा, जि़ला होशियारपुर को 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार कर लिया है।
आज यहाँ यह जानकारी देते हुए विजीलैंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त दविन्दर कुमार को शिकायतकर्ता तजिन्दर सिंह गाँव बेरछा, जि़ला होशियारपुर की शिकायत पर गिरफ़्तार किया गया है। दविन्दर कुमार के अधीन इस ब्लॉक में 70 को-ऑपरेटिव सोसायटीज थीं।
अधिक विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने विजीलैंस के पास दी अपनी शिकायत में दोष लगाया है कि जब वह बतौर मैनेजर, को-ऑपरेटिव सोसायटी, टांडा में तैनात था तो उस वक्त दविन्दर कुमार, सहायक रजिस्ट्रार, को-ऑपरेटिव सोसायटीज ब्लॉक दसूहा अब अतिरिक्त प्रभार डिप्टी रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटी होशियारपुर ने उसके खि़लाफ़ गबन का एक केस बनाया था। इस केस के खि़लाफ़ रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोसायटीज, पंजाब, चंडीगढ़ के पास दाखि़ल अपील की पड़ताल के उपरांत फ़ैसला उसके हक में होने के बावजूद भी उक्त मुलजिम दविन्दर कुमार, सहायक रजिस्ट्रार ने उसको ड्यूटी पर ज्वाइन नहीं करवाया, बल्कि उसके खि़लाफ़ एक और गबन केस की रिकवरी सम्बन्धी जांच खोल दी।
शिकायतकर्ता ने विजीलैंस को बताया कि उक्त मुलजिम दविन्दर कुमार पहले भी उससे 5,000 रुपए बतौर रिश्वत ले चुका है और अब इस ताज़े केस की जांच उसके हक में करने के बदले 50,000 रुपए माँग रहा है।
विजीलैंस ने शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए दोषों की पड़ताल के उपरांत दो सरकारी गवाहों की हाजिऱी में उक्त मुलजिम को शिकायतकर्ता से 20,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ़्तार कर लिया है। इस सम्बन्धी मुकदमा नंबर 20 तारीख़ 10-10-2022 को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून की धारा 7 के अंतर्गत थाना विजीलैंस ब्यूरो, जालंधर में दर्ज कर लिया है और इस सम्बन्धी आगे जाँच जारी है।
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