
जालंधर ब्रीज: भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी मुहिम को जारी रखते हुए पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने आज पटवारी रणजीत सिंह के सहायक सुखा को ज़मीनी रिकॉर्ड में सुधार के बदले 4000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा है।
इस संबंध में आज यहां जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उक्त आरोपी को कपूरथला शहर के एक निवासी द्वारा दी गई शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता ने एक बैंक से 10 लाख रुपए का मकान लेने के लिए ऋण हेतु आवेदन किया था। सत्यापन के दौरान उसकी संपत्ति से संबंधित दस्तावेज़ों में खसरा और फर्द नंबरों में अंतर पाया गया, जिसके बाद उसने तहसील कार्यालय में सुधार के लिए आवेदन दिया। तहसीलदार ने उसका आवेदन कार्रवाई हेतु पटवारी रणजीत सिंह को भेज दिया।
प्रवक्ता ने बताया कि जब शिकायतकर्ता ने पटवारी के उक्त सहायक सुखा से संपर्क किया, तो उसने रिश्वत की पेशगी राशि के तौर पर 1000 रुपए की मांग की और 4-5 दिनों में काम पूरा करने का वादा किया। तीन दिन बाद सुखा ने शिकायतकर्ता को बताया कि अब इस काम के लिए 6000 रुपए की और रिश्वत देनी पड़ेगी। इससे परेशान होकर शिकायतकर्ता ने 26 मई को सीधे पटवारी रणजीत सिंह से संपर्क किया, जिसने उसे फिर से सुखा के पास भेज दिया। इस बार सहायक सुखा ने अपनी रिश्वत की मांग बढ़ाकर 8000 रुपए कर दी और शिकायतकर्ता से कहा कि आमतौर पर यह काम 20 दिन में होता है, लेकिन पैसे देकर यह जल्दी करवाया जा सकता है। बातचीत के बाद दोनों के बीच सौदा 4000 रुपए में तय हुआ और सुखा ने शिकायतकर्ता को तुरंत ऑनलाइन अपडेट देने का भरोसा दिया। शिकायतकर्ता ने सारी बातचीत रिकॉर्ड करके विजिलेंस ब्यूरो को सौंप दी।
प्रवक्ता ने बताया कि इस शिकायत की प्रारंभिक जांच के बाद विजिलेंस ब्यूरो की टीम ने जाल बिछाया और सुखा को दो सरकारी गवाहों की मौजूदगी में 4000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। इस संबंध में विजिलेंस ब्यूरो के पुलिस थाना जालंधर रेंज में केस दर्ज किया गया है और यह पता लगाने के लिए आगे जांच की जा रही है कि पटवारी रणजीत सिंह की इस रिश्वतखोरी में क्या भूमिका है।
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