
जालंधर ब्रीज: पिछले दिनों जालंधर में एक हादसा जिसको एक दुर्घटना नहीं अपराध के रूप में देखा गया जिसमे की पुलिस द्वारा एक वीडियो को प्रथम दृष्टि सभूत मान कर 307 जैसी संगीन धारा लगाई परन्तु सोशल मीडिया पर उसकी उम्र को देखते हुए एक मुहीम चली जिसमे की सामाजिक कार्यकर्ताओं , राजनीतिज्ञों और आम लोगों ने इसको जनहित लहर में तब्दील किया और उसी का लाभ उस 20 वर्षीय युवक का भविष्य खतरे में पढ़ने से टल गया जिसमे की मेहमी परिवार की तरफ से जालंधर के नामी वकीलों द्वारा अपना वकालत नामा पेश किया जिसमे की वीके सरीन , बार प्रेजिडेंट नरिंदर सिंह , मनदीप सचदेवा , साहनी , अनमोल के चाचा जी जो खुद भी पेशे से वकील है और 2 अन्य वकीलों द्वारा इस केस को लड़ने के लिए एकता दिखाई और मेहमी परिवार को इन्साफ दिलवाने में कामयाब हुए।
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