June 18, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

तृप्त बाजवा और सुखजिन्दर रंधावा ने मुख्यमंत्री को बटाला को जि़ला बनाने के लिए पत्र लिखा

Share news

जालंधर ब्रीज: पंजाब के दो वरिष्ठ मंत्रियों तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा और सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह से माँग की है कि ऐतिहासिक और विरासती शहर बटाला को राज्य का 24 जि़ला बनाया जा सके, जिससे इस अहम शहर का उपयुक्त विकास हो सके। दोनों कैबिनेट मंत्रियों ने यह भी माँग की कि इसके साथ ही ऐतिहासिक कस्बों फतेहगढ़ चूडिय़ाँ और श्री हरगोबिन्दपुर या घुमाण को इस नए जि़ले की नई सब-डिवीजन्स बनाया जाए।

मुख्यमंत्री को इस सम्बन्ध में लिखे एक पत्र में दोनों मंत्रियों ने कहा है कि बटाला पंजाब का वह अहम शहर है जिससे हमारी समृद्ध ऐतिहासिक, धार्मिक, सामाजिक और साहित्यिक विरासत जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि बठिंडा के बाद बटाला पंजाब का सबसे पुराना शहर है, जिसकी स्थापना 1465 में रखी गई थी। जनसंख्या के पक्ष से भी यह पंजाब का आठवां सबसे बड़ा शहर है, जहाँ पिछले साल नगर निगम भी बनाई गई है। स. बाजवा और स. रंधावा ने इस अहम मामले पर विचार-विमर्श करने के लिए मुख्यमंत्री से समय भी माँगा है।

बटाला शहर के ऐतिहासिक विरासत संबंधी उन्होंने कहा, ”पहली पातशाही श्री गुरु नानक देव जी का विवाह इसी शहर में माता सुलक्खनी जी के साथ 8 जुलाई 1487 में हुआ था। उनकी याद में यहाँ गुरुद्वारा डेरा साहिब और गुरुद्वारा कंध साहिब सुशोभित हैं। छठे गुरू श्री गुरु हरगोबिन्द जी अपने पुत्र बाबा गुरदित्ता जी का विवाह करने के लिए भी बटाला ही आए थे और उनकी याद में शहर के बीच गुरुद्वारा सत करतारिया सुशोभित है।” कैबिनेट मंत्री ने कहा कि महाराजा रणजीत सिंह के राज के दौरान लाहौर और अमृतसर के बाद बटाला सिख राज का एक अहम शहर था। इस राज के समय की विरासती इमारतें आज भी मौजूद हैं, जिनमें महाराजा शेर सिंह का महल और जल महल (बारांदरी) विशेष हैं।

उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक काली द्वारा मंदिर और सती लक्ष्मी देवी समाधि के अलावा इस शहर के नज़दीक ही अचल साहिब का वह ऐतिहासिक स्थान है, जहाँ भगवान शिव जी के पुत्र देवता कार्तिक की याद में अचलेश्वर धाम सुशोभित है। अचल साहिब जी के स्थान पर ही श्री गुरु नानक देव जी ने सिद्धों के साथ बातचीत की थी।

कैबिनेट मंत्रियों ने कहा, ”सांस्कृतिक और साहित्यिक पक्ष से देखा जाए तो दुनिया भर में रहन ेवाला कोई निवासी पंजाबी ऐसा नहीं होगा जिसने महान पंजाबी कवि शिव कुमार बटालवी का नाम ना सुना हो। दुनिया भर में बटाले का नाम मशहूर करने वाले और अपने योवन में ही दुनियां को अलविदा कहने वाले इस कवि को साहित्यिक क्षेत्र में बिरहा के कवि और पंजाबी के कीट्स के तौर पर जाना जाता है।”


Share news