
रोपड़ चंडीगढ़ के टोल पर बंद पड़ी मिनी नेस्ट
फोटो रवि
जालंधर ब्रीज: नेशनल हाईवे विभाग द्वारा सड़क निर्माण करने के समय जब शर्ते निर्धारित की जाती है उसको वो जमीनी स्तर पर भ्रष्ट अधिकारी ठेका प्राप्त कम्पनियों से पूरी करवाने में विफल साबित होते है ।
ठेका देने के लिए शर्तों को निर्धारित करने के लिए करोड़ों रूपये की भरपाई बाहर से रखे हुए कंसल्टैंटों को अदायिगी की जाती है परन्तु जमीनी स्तर पर हकीकत कुछ और ही ब्यान करती है आये दिन आम नागरिकों से टोल कम्पनियों द्वारा लोगों को टोल की वसूली करते समय अलग अलग तरीकों से परेशान करने की अनेकों वीडियो सोशल मीडिया पर देखने को मिलती रहती है पर प्रशासन कम्पनियों के आगे बिल्कुल मौन धारे हुए देखता रहता है ।
कोरोना महामारी के दौर में जहाँ प्रशासन द्वारा रोज़ नए नए कानून बनाकर लोगों से उसकी पालना करने के लिए कहा जा रहा है परन्तु जो कानून पहले से ही बनाये हुए उसकी और प्रशासन का कोई ध्यान नहीं जा रहा जिसका एक उदहारण आपको टोल पर मिनी नेस्ट बनाना अनिवार्य है जिसको 24 घंटे खुला रखना अनिवार्य है जिसमें चाये पानी कोल्ड्रिंक से लेकर हल्का फुल्का स्नैक्स का सामान रखना अनिवार्य है परन्तु टोल कम्पनीयाँ मुलाज़िम के खर्चे को बचाने की ऐवज में इसको रात 8 बजे या 9 बजे बंद कर देती है जिससे लोगों को असुविधा का सामना करना पढ़ रहा है ।
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