
जालंधर ब्रीज: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने राज्य में बढ़ रही मौतों पर गंभीर चिंता ज़ाहिर करते हुए नौजवानों से अपील की कि सोशल मीडिया पर ऐसी कोई भी पोस्ट डालने या आगे भेजने (फॉरवर्ड करने) से पहले 10 बार सोचें, क्योंकि किसी भी तरह का ग़ैर-जि़म्मेदाराना कदम उनके भविष्य पर प्रभाव डाल सकता है।
फेसबुक प्रोग्राम के लाइव सैशन ‘कैप्टन को सवाल’ पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आप जो कुछ भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हो, उसकी आपकी जि़म्मेदारी है…आप लोगों को गुमराह नहीं कर सकते।’’ मुख्यमंत्री ने इस बात का भी जि़क्र किया कि एक बार केस दर्ज होने पर उनका समूचा भविष्य बुरी तरह से प्रभावित हो सकता है।
उन्होंने नौजवानों को जि़म्मेदारी के साथ काम करने की अपील की। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अब तक 121 सोशल मीडिया अकाऊंट/लिंक ब्लॉक किए जा चुके हैं और 292 अन्य ऐसे अकाऊंट/लिंक की पहचान पंजाब पुलिस द्वारा की जा चुकी है, जो अंग निकालने और कोविड की टेस्टिंग संबंधी झूठा प्रचार करने वालों में शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी को भी ऐसे बेहूदा और निराधार प्रचार के द्वारा पंजाब के शांतमई माहौल को भंग करने की हरगिज़ इजाज़त नहीं देंगे।
’’ कुछ शरारती तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर मुहिमें चलाने और यहाँ तक कि विरोधी पक्ष के विधायकों द्वारा लोगों को मास्क न पहनने के लिए बोले जाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को झूठी खबरों और पोस्टों के द्वारा गुमराह करने की कोशिशों को किसी भी तरह से स्वीकार नहीं किया जाएगा और न ही बर्दाश्त किया जाएगा। अमृतसर के एक निवासी द्वारा सरकार के कोविड मरीज़ों की पहचान ज़ाहिर न करने के फ़ैसले के बावजूद मीडिया द्वारा लगातार कोविड मरीज़ों के नाम सामने लाए जाने संबंधी प्रकट किए गए अंदेशे के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा कोविड मरीज़ों की पहचान गुप्त रखने सम्बन्धी कड़ी हिदायतें जारी की हुई हैं और इनकी पालना यकीनी बनाई जाएगी।
उन्होंने लोगों से अपील की कि कोविड के किसी भी मरीज़ चाहे वह उपचाराधीन हो या ठीक हो चुका हो, के साथ किसी किस्म का कोई भेदभाव करने से गुरेज़ किया जाए। यह बीमारी अन्य बीमारियों की तरह ही एक बीमारी है और सामाजिक कलंक को इससे जोडऩा पूर्ण तौर पर ग़ैर-वाजिब है। पंजाब में कोविड से मुक्ति पर इस महामारी संबंधी फैली अफ़वाहों के कारण प्रभाव पडऩे की मीडिया रिपोर्टों सम्बन्धी मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड जांच में इस कारण कमी आई है क्योंकि सोशल मीडिया पर गुमराह करने वाला प्रचार किया जा रहा है, जिस कारण लोग समय पर इलाज नहीं करवा रहे।
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