
जालंधर ब्रीज: पंजाब की आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार के 11 महीने के शासन के दौरान पंजाब में ध्वस्त हुई कानून-व्यवस्था तथा पंजाब विधानसभा में बजट-सत्र के दौरान पेश किए गए रिपोर्ट कार्ड पर सवाल उठाते हुए भारतीय जनता पार्टी पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान पंजाब में कानून-व्यवस्था ठीक होने तथा राज्य में शान्तमय माहौल होने का कोरा झूठ बोल रहे हैं। जबकि सभी जानते हैं कि पिछले 11 महीने में पंजाब के हालात कितने बदतर हो चुके हैं? अश्वनी शर्मा ने भाजपा मुख्यालय चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकारवार्ता में बातचीत करते हुए कहा कि पंजाब ने आतंकवाद का काला भयावह दौर भी देखा है और उससे मुक्ति भी प्राप्त की है। शर्मा ने कहा कि पंजाब इस वक्त आतंकवाद के काले दौर से भी बुरे दौर से गुजर रहा है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि जब से पंजाब में भगवंत मान सरकार बनी है तब से पंजाब में खालिस्तान समर्थकों, अलगाववाद व पंजाब के भाईचारे को ध्वस्त करने वालों की कार्यवाहियों में बेतहाशा बढ़ौतरी हुई है। यह अलगाववाद की बारें करने वाले सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से निरंतर पंजाब को और भाईचारे को तोड़ने का प्रचार कर रहे हैं और पंजाब सरकार मूकदर्शक बन चुपचाप तमाशा देख रही है। राज्य में रोजाना कहीं ना कहीं हत्याएं, फिरौती मांगने और ना देने पर हत्या की घटना, पुलिस की नाक के नीचे डकैतियाँ, पुलिस थानों पर कब्जे आदि की निरंतर घटित हो रही घटनाओं से पंजाब की जनता दहशत में है। आंतकवाद के दौर में भी ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी पुलिस थाने पर कब्ज़ा कर लिया गया हो और पुलिस के साथ उसके ही थाने में मारपीट की गई हो! पुलिस ने हथियार डाल दिए हों, इतना कमज़ोर पुलिस को कभी नहीं देखा, जितना कमजोर भगवंत मान सरकार ने कर दिया है। इसके लिए अगर कोई आरोपी है तो वो मुख्यमंत्री भगवंत मान है, क्यूंकि राज्य का गृह विभाग उनके पास है। सरकार ने हिंसा करने वालों के सामने पूरी तरह से घुटने टेक दिए और अपहरण के गिरफ्तार आरोपियों की जमानत का समर्थन किया। यहां सवाल उठता है कि अगर आरोपी दोषी नहीं था, तो उस पर मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार क्यों किया गया? अगर वह दोषी था तो दबाव में आकर जमानत क्यों दी गई?
अश्वनी शर्मा ने कहा कि डीजीपी ने खुद मीडिया के समक्ष कहा था कि थाने में हथियारों के बल पर हुडदन्गियों ने कब्ज़ा किया और पुलिस के साथ मारपीट की, लेकिन 15 दिन बीतने के बाद भी आज तक आज तक उन पर कोई मामला दर्ज़ क्यूँ नहीं किया गया? डीजीपी की पत्रकारवार्ता के बाद फिर अमृतपाल सिंह द्वारा डीजीपी को आधार बना कर पंजाब सरकार को चैलेज किया गया कि उनके खिलाफ मामला दर्ज़ करके दिखाएं, अगर किया गया तो यह सब दोबारा दोहराया जाएगा। पंजाब सरकार ने ऐसे लोगों के समक्ष अपने घुटने टेक दिए हैं। पंजाबियों के दिलों में में भय का माहौल बैठ गया है और उन्हें लग रहा है कि पंजाब सरकार पंजाब को 1984 वाले काले आंतकवाद के दौर में ले रही है। पंजाब में गैगस्टर दनदना रहे हैं। पंजाब की जेलें भी सुरक्षित नहीं वहां भी गैंगवार में एक-दूसरे की हत्याएं हो रही हैं। राज्य में अराजकता का माहौल है और ऐसे समय में मुख्यमंत्री भगवंत मान बंसुरी बजा रहे लगते हैं। राज्य के ऐसे अशांत माहौल में कोई भी निवेशक पंजाब में निवेश करने की हिम्मत नहीं करेगा। क्यूंकि निवेशक हमेशा अपने पैसे और कारोबार की सुरक्षा व शांति चाहता है। लेकिन अफ़सोस है कि भगवंत मान सरकार सिर्फ ट्वीट कर पंजाब की पल-पल की खबर होने तथा राज्य के हालात ठीक होने की बातें करती है, जबकि राज्य में हालात इसके बिलकुल विपरीत हैं।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पंजाब में एक विपक्ष के नाते और पंजाब के भाईचारे को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। भाजपा द्वारा पंजाब की शांति और कानून-व्यवस्था को कायम करने के लिए राजनीति से ऊपर उठ कर भगवंत मान को सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए पत्र भी लिखा गया है। पत्र में 11 महीने में पंजाब में घटनाक्रम का सारा जिक्र किया गया है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपनी विपक्ष की भूमिका का निर्वहन करते हुए पंजाब की अंधी-बहरी व सोई हुई भगवंत मान सरकार को सच का आईना दिखाने व गहरी निद्रा से जगाने के लिए 9 मार्च को सुबह 10 बजे भाजपा मुख्यालय सैक्टर 37-A से पंजाब विधानसभा की तरफ मार्च किया जाएगा। शर्मा ने मीडिया पर पंजाब सरकार द्वारा किए जा रहे अत्याचारों पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि ऐसा पंजाब के इतिहास में कभी नहीं हुआ। पंजाब सरकार राजनीतिक लोगों, जनता के साथ साथ जनता की आवाज़ कहे जाने वाले चौथे स्तंभ मीडिया की आवाज़ भी दबाने में लगी हुई है। भाजपा ऐसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।
इस अवसर पर भाजपा प्रदेश महासचिव जीवन, गुप्ता, विक्रमजीत सिंह चीमा, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सुभाष शर्मा, केवल सिंह ढिल्लों, कोषाध्यक्ष गुरदेव शर्मा देबी, मीडिया सचिव जनार्दन शर्मा तथा सह सचिव हरदेव सिंह उभा आदि उपस्थित थे।
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