
जालंधर ब्रीज: कृषि क्षेत्र संबंधी केन्द्रीय मंत्रिमंडल के फैसलों ने कृषि प्रधान राज्यों पंजाब व हरियाणा के किसानों में आशावाद उत्पन्न किया है। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को आवश्यक वस्तुओं संबंधी अधिनियम (ईसीए) में संशोधन को स्वीकृति दी है तथा दो अध्यादेश जारी करके कृषि विपणन में सुधारों हेतु मार्गप्रशस्त किया है।वित्त मंत्री, श्रीमति निर्मला सीतारमण द्वारा ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के तहत गत माह कई घोषणाओं के क्रमों को विशेषतया हरियाणा व पंजाब राज्यों में बढ़िया अनुक्रिया प्राप्त हुई है।
पंजाब के एक किसान सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि फ़सलों की बिक्री की प्रक्रिया पर से नियंत्रण हटा लेने संबंधी केन्द्र सरकार का निर्णय किसानों हेतु आर्थिक तौर पर लाभदायक सिद्ध होगा क्यों अब वे बेहतर लाभ अर्जित करने योग्य होंगे। इसी राज्य के एक अन्य किसान साधु सिंह ने कहा कि अंतर-राज्य व्यापार से किसानों को अपनी फ़सलें उन अन्य राज्यों में बेचने में सहायता मिलेगी, जहां मांग होगी तथा इससे उन्हें बेहतर मूल्यों की प्राप्ति सुनिश्चित होगी।
बिल्कुल इसी प्रकार की भावना हरियाणा के किसानों में भी देखी जा सकती है; इस राज्य के ओम प्रकाश ने कहा कि ईसीए में संशोधन करना व फ़सलों की उपज की बिक्री पर प्रतिबन्द्ध हटाना बढ़िया कदम है; इससे किसानों की पुरानी मांग परिपूर्ण होगी। हरियाणा के राम कुमार ने कहा कि प्रतिबन्द्ध हटाने व अपनी फ़सलें देश में कहीं पर भी बेचने के निर्णय से सभी किसान प्रसन्न हैं।
अब जब किसान इन कदमों के प्रति आशावान हैं, तो उधर व्यापारिक संगठनों ने भी अपना समर्थन प्रकट किया है। सीआईआई, पंजाब के उपाध्यक्ष श्री भवदीप सरदाना ने कृषि क्षेत्र में बड़े सुधारों के शुभारंभ हेतु सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा है कि अब किसानों की आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार होगा। इन कदमों से अधिकार-विहीन किसानों को अपनी फ़सल एक स्थान पर एकत्र करके प्रभावशाली ढंग से मण्डियों तक पहुंचाने में सहायता मिलेगी, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आवश्यक वस्तुओं संबंधी अधिनियम में से कुछ विशेष वस्तुओं को हटाना एक साहसिक कदम है, जिससे उन वस्तुओं का अधिक व्यापार सुनिश्चित होगा।
इन फैसलों के बाद आर्थिक मामलों संबंधी मंत्री मण्डलीय समिति ने 1 जून 2020 को ख़रीफ़ की सभी निश्चित फ़सलों के विपणन सीज़न 2020-21 हेतु न्यूनतम समर्थन मूल्यों में बढ़ोतरी को स्वीकृति दी।
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