June 18, 2025

Jalandhar Breeze

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मुख्य सचिव द्वारा राज्य में आवारा कुत्तों की समस्या के हल के लिए मुहिम और तेज करने के आदेश

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जालंधर ब्रीज: राज्य में आवारा कुत्तों की बढ़ रही समस्या के प्रति मानवीय पहुँच अपनाते हुये पंजाब सरकार ने आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने और इनके कारण होने वाले हादसों को रोकने के लिए नसबंदी मुहिम को और तेज़ करने का फ़ैसला किया है।

इस मकसद के लिए स्थानीय निकाय विभाग द्वारा एंटी बर्थ कंट्रोल और एंटी-रैबीज (ए.बी.सी. / ए.आर.) प्रोग्राम को और तेज़ी और प्रभावशाली ढंग से लागू करने के लिए म्यूंसिपल स्तर पर वैटरनरी डाक्टरों की सहायता ली जायेगी।

व्यापक नसबंदी मुहिम चलाने के अलावा आवारा कुत्तों के खतरे को रोकने के साथ-साथ जानवरों, ख़ास कर आवारा कुत्तों के खि़लाफ़ क्रूरतापूर्ण रवैय को नियंत्रित करने के लिए लोगों को जागरूक करने और उनका सहयोग मांगने के लिए जल्द ही एक अलग तौर पर मुहिम शुरु की जायेगी।

यह फ़ैसला आज यहाँ ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की समस्या पर काबू पाने और जानवरों के खि़लाफ़ बेरहम रवैये को रोकने के लिए किये जा रहे उपरालों की प्रगति की समीक्षा करने के लिए मुख्य सचिव विनी महाजन की अध्यक्षता अधीन हुई मीटिंग में लिए गए।

मुख्य सचिव ने स्थानीय निकाय विभाग को यह यकीनी बनाने के लिए कहा कि सभी शहरी संस्थाओं सिर्फ़ उन पशु कल्याण संस्थाओं / ग़ैर सरकारी संगठनों (एन.जी.ओज़) को इस कार्य में शामिल करें जिनको ए.बी.सी. / ए.आर. प्रोग्राम को चलाने के लिए भारतीय पशु कल्याण बोर्ड से अपेक्षित अनुमति मिली हुई है।

उन्होंने कहा, ”यह यकीनी बनाना ज़रूरी है कि कुत्तों की नसबंदी करने वाले पशु कल्याण संगठनों और एन.जी.ओज़. के पास ए.डब्ल्यू.बी.आई. के दिशा निर्देशों की पालना के अंतर्गत एनिमल बर्थ कंट्रोल (डॉगज़) रूल्ज, 2001 के अनुसार अपेक्षित बुनियादी ढांचा, तजुर्बा और महारत हासिल हो जिससे जानवरों को क्रूरता से बचाया जा सके।”

श्रीमती महाजन को बताया गया कि राज्य भर के शहर और गाँव में अब तक 1.7 लाख से अधिक आवारा कुत्ता की नसबंदी की जा चुकी है।

स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव अजोए कुमार सिन्हा ने मुख्य सचिव को बताया कि विभाग ने कानून अनुसार मानवीय पहुँच अपनाते हुये प्रभावशाली ढंग से आवारा कुत्तों के प्रबंधन, रैबीज को कंट्रोल करने और आवारा कुत्तों की बढ़ रही संख्या को रोकने के लिए प्रांतीय और ज़िला स्तर पर पहले ही निगरान और लागूकरण कमेटियों का गठन किया जा चुका है।

मुख्य सचिव ने अतिरिक्त मुख्य सचिव-कम-वित्त कमिशनर ग्रामीण विकास एवं पंचायतें विभाग सीमा जैन को ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा कुत्तों की संख्या को नियंत्रित करने के लिए और कदम उठाने के निर्देश दिए। श्रीमती जैन ने मुख्य सचिव को बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायतें विभाग द्वारा मुक्तसर, जालंधर और अमृतसर जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में पहले ही 1,041 कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है।

जानवरों के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने वालों के खि़लाफ़ सख़्त कार्यवाही की चेतावनी देते हुये मुख्य सचिव ने कहा, ”आवारा कुत्तों समेत जानवरों के खि़लाफ़ क्रूरता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।”


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