
जालंधर ब्रीज: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के निर्देशों के अनुसार पंजाब को सुरक्षित राज्य बनाने के तहत चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत, पंजाब पुलिस के स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एस एस ओ सी ) मोहाली ने आज प्रतिबंधित संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (एस एफ जे ) के प्रमुख और अमेरिका आधारित गुरपतवंत सिंह पन्नू के करीबी सहयोगी रेशम सिंह को फिल्लौर में डॉ. बी.आर. अंबेडकर की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने और राज्यभर में खालिस्तान समर्थक नारे लिखने, चित्र बनाने और पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
इसकी जानकारी साझा करते हुए पंजाब के पुलिस महानिदेशक (डी जी पी) गौरव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आरोपी—जो बरनाला जिले के गांव हमीदी का निवासी है—ने अमेरिका आधारित सुरिंदर सिंह ठीकरिवाल (जो यू ए पी ए के कई मामलों में वांछित है) और एस एफ जे प्रमुख पन्नू के निर्देशों पर जून 2025 के पहले सप्ताह में फिल्लौर के नंगल में डॉ. अंबेडकर की मूर्ति को क्षतिग्रस्त किया था।
डीजीपी ने बताया कि आरोपी रेशम सिंह पर पहले भी पटियाला, फरीदकोट, जालंधर और अन्य जिलों में खालिस्तान और एस एफ जे के समर्थन में पोस्टर लगाने और नारे लिखकर सार्वजनिक संपत्ति को बार-बार नुकसान पहुँचाने के आरोप हैं। घटना को अंजाम देने के बाद वह फरार हो गया था।
डीजीपी ने बताया कि मई 2025 में भारत-पाक तनाव के दौरान रेशम सिंह ने ‘पाकिस्तान ज़िंदाबाद’ और ‘खालिस्तान ज़िंदाबाद’ जैसे भड़काऊ नारे लिखे ताकि लोगों और देशविरोधी भावनाओं को भड़काया जा सके।उन्होंने कहा कि सबूतों से यह भी सामने आया है कि उसे विदेशों से इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के लिए फंडिंग की जा रही थी।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि आरोपी को इससे पहले करनाल (हरियाणा) और संगरूर में दर्ज दो यू ए पी ए मामलों में देशविरोधी नारे, चित्र और पोस्टर लगाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की आगे जांच की जा रही है।
ऑपरेशन की जानकारी साझा करते हुए ए आई जी, एस एस ओ सी मोहाली रवजोत ग्रेवाल ने बताया कि पुलिस टीमों को आरोपी द्वारा दीवारों व पुलों पर खालिस्तान समर्थक चित्र बनाने, नारे लिखने और पोस्टर लगाने जैसी गतिविधियों में शामिल होने की पुख्ता जानकारी मिली थी, जिनका उद्देश्य अलगाववाद, सशस्त्र विद्रोह और विध्वंसक गतिविधियों को भड़काना था। मिली जानकारी और सतत निगरानी के आधार पर एस एस ओ सी मोहाली की टीम ने एक गुप्त अभियान चलाया और आरोपी रेशम को मोहाली के खरड़ से गिरफ्तार किया, जहां उसे उसके हैंडलर सुरिंदर ठीकरीवाल ने छिपा रखा था।
उन्होंने कहा कि लगातार पूछताछ के दौरान आरोपी रेशम सिंह ने खुलासा किया कि उसे पहली बार 2019 में हरप्रीत सिंह उर्फ राणा के माध्यम से एस एफ जे नेटवर्क से जोड़ा गया था। हरप्रीत सिंह अमेरिका से चलाए जा रहे मीडिया चैनल “पॉलिटिक्स पंजाब” (अब प्रतिबंधित) का होस्ट था। उसने ही रेशम को एस एफ जे के मुख्य सदस्यों—बिक्रमजीत सिंह (यूएसए), जेएस धालीवाल और गुरपतवंत सिंह पन्नू से परिचित करवाया था।
एआईजी ने बताया कि मई 2024 में संगरूर जेल से रिहा होने के बाद, आरोपी ने पूर्व आतंकवादी सुरिंदर ठीकरीवाल के प्रभाव में दोबारा देशविरोधी गतिविधियां शुरू कर दीं। ठीकरिवाल 2022 में अमेरिका भाग गया था।
उन्होंने बताया कि
जांच में यह भी पता चला है कि हर घटना को अंजाम देने के बाद रेशम उसका वीडियो बनाकर अपने विदेशी हैंडलरों को भेजता था, जो इनका इस्तेमाल अपने अलगाववादी एजेंडे को हवा देने के लिए करते थे। अब तक वह अपने विदेशी हैंडलरों से करीब 8 से 10 लाख रुपये प्राप्त कर चुका है।
इस संबंध में थाना एस एस ओ सी, एस ए एस नगर में भारतीय न्याय संहिता (बी एन एस) की धाराओं 151, 196 और 61(2) के तहत एफआईआर नंबर 08 दिनांक 18.06.2025 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
आरोपी रेशम सिंह द्वारा किए गए अहम खुलासे
— 23-24 मई 2024 की रात, रेशम ने पटियाला-संगरूर हाईवे फ्लाईओवर की साइड वॉल पर “एस एफ जे खालिस्तान” लिखा।
— 23 जनवरी 2025 की रात, रेशम ने नेहरू स्टेडियम, फरीदकोट की दीवार पर “खालिस्तान ज़िंदाबाद – एस एफ जे” के नारे लिखे और खालिस्तान का झंडा बनाया। उसने आसपास की दीवारों पर भी कई नारे लिखे, जिससे कानून-व्यवस्था बाधित हुई।
— 15-16 मई 2025 की रात, रेशम ने जालंधर के आदमपुर स्थित खुर्दपुर रेलवे स्टेशन की दीवार पर “खालिस्तान ज़िंदाबाद – पाकिस्तान ज़िंदाबाद – ट्रंप ज़िंदाबाद – एस एफ जे” लिखा और “पाकिस्तानी फौज का सिख स्वागत करते हैं” लिखे बैनर भी लगाए।
— 1-2 जून 2025 की रात, रेशम ने जालंधर जिले के फिल्लौर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर काले स्प्रे से बेअदबी की और एस एफ जे की मोहर लगाकर खालिस्तान का झंडा आसपास लगाया। पास के स्कूल की दीवार पर भी “खालिस्तान” के नारे लिखे।
— 9-10 मार्च 2025 को, रेशम ने बठिंडा के गांव घुददा स्थित सेंट्रल यूनिवर्सिटी की दीवारों पर “यूएस ट्रंप ज़िंदाबाद: खालिस्तान ज़िंदाबाद” लिखा।
— 8-9 जून 2025 को, रेशम ने एसएएस नगर में डॉ. अंबेडकर हाउसिंग सोसायटी की दीवारों पर “डॉ. अंबेडकर मुर्दाबाद: खालिस्तान ज़िंदाबाद” जैसे नारे लिखे और “सिख हिंदू नहीं हैं” लिखा झंडा भी फहराया।
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