
जालंधर ब्रीज: 375 विशेष रेल गाड़ीयों के द्वारा 4.84 लाख से अधिक प्रवासी मजदूरों को पहले ही उनके गृह राज्य वापस भेजा गया है जिससे पंजाब सबसे बढिय़ा प्रदर्शन करने वाला पहला राज्य बन गया है। राज्यभर से कल अलग-अलग स्थानों से 9 और रेल गाड़ीयाँ चलेंगी।
नोडल अधिकारी विकास प्रताप, प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पहले ही राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि पंजाब में किसी भी प्रवासी मजदूर को बिना किसी मुश्किल के उनके गृह राज्यों को वापस जाने के लिए हर संभव सहयोग देना यकीनी बनाया जाये। उन्होंने आगे कहा कि जरूरत के मुताबिक रेल गाड़ीयाँ चलाने सम्बन्धी मुल्यांकन को जारी रखा जाना चाहिए जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि गृह राज्यों को वापस जाने की इच्छा रखने वाले प्रवासी कामगारों को बिना किसी मुश्किल के जल्द से जल्द उनके परिवारों के साथ मिलाया जाये।
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार द्वारा जरूरत के मुताबिक और रेल गाड़ीयाँ चलाईं जाएंगी। श्री विकास प्रताप ने आगे कहा कि राज्य से 5 मई से अब तक लगभग 375 विशेष श्रमिक रेल गाड़ीयाँ चलाईं गई हैं। यह मुल्यांकन अब तक किये यत्नों की समीक्षा करने और आने वाले दिनों में जरूरी रेल गाड़ीयों बारे सही जानकारी हासिल करने के लिए किया गया है।
कुल 375 में से सबसे अधिक उत्तर प्रदेश को 226 रेलगाडिय़ां और उसके बाद बिहार को 123 रेल गाड़ीयाँ प्रवासी कामगारों को लेकर रवाना हुई हैं। इसी तरह झारखंड को 9, मध्य प्रदेश को 7 और छत्तीसगढ़ को 3 और पश्चिमी बंगाल को 2 रेल गाड़ीयाँ रवाना हुई हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, मणीपुर, तामिलनाडु और उत्तराखंड को एक-एक रेल गाड़ी प्रवासी मजदूरों को लेकर रवाना हुई।
जिक्रयोग्य है कि राज्य द्वारा मुहैया करवाए जा रहे भोजन और रहने के लिए किये गए प्रबंधों के कारण लाखों प्रवासियों ने तालाबन्दी के दौरान भी अपनी इच्छा से पंजाब में ही रहने का फैसला किया। राज्य सरकार यह रेल गाड़ीयाँ चलाने के लिए पहले ही 26 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है जोकि फिरोजपुर और अम्बाला डिवीजन के रेलवे अधिकारियों के सहयोग से डिप्टी कमिश्नरों द्वारा चलाईं जा रही हैं।
सबसे अधिक 188 रेल गाड़ीयाँ चलाने के साथ लुधियाना पहले नंबर पर है, इसके बाद जालंधर (76), अमृतसर (29), पटियाला (24), मोहाली (23) के अलावा फिरोजपुर (15), दोराहा (7), सरहिन्द (6), बठिंडा (3), गुरदासपुर (2) और होशियारपुर और पठानकोट से एक-एक रेल गाड़ी चलाई गई है। प्रवासी मजदूरों की मुश्किलें कम करने के लिए राज्य द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए घर वापस जाने वाले सभी लोगों को उनके सफर के लिए भोजन, पानी और अन्य जरूरी चीजें भी प्रदान की जा रही हैं।
इसके अलावा, इन सभी राज्यों के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की गई है जो प्रवासियों की उनके गृह राज्यों को सुरक्षित वापसी की सुविधा के लिए दूसरे राज्यों में अपने हमरुतबा के साथ सक्रियता के साथ संपर्क में हैं और प्रवासियों की अनिवार्य डॉक्टरी जांच के लिए डिप्टी कमिश्नर स्तर पर टीमों का गठन किया गया है।
More Stories
स्वास्थ्य मंत्री ने पुर्नवास केंद्र का दौरा कर अधिकारियों के साथ रंगला पंजाब स्कीम, डेंगू-चिकनगुनिया व युद्ध नशे के विरुद्ध अभियान की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की
डिप्टी कमिश्नर की हीटस्ट्रोक से बचने के लिए लोगों को सावधानी बरतने की अपील
जालंधर के पी.ए.पी. ग्राउंड में योगाभ्यास कर राज्य स्तरीय ‘सी.एम. दी योगशाला’ प्रोग्राम का किया नेतृत्व