
जालंधर ब्रीज: पंजाब के लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने केंद्रीय रेल राज्य मंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू द्वारा किए गए इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है कि अंबाला रेलवे डिवीजन अधीन अंबाला-लुधियाना रेलवे लाइन की दोराहा-साहनेवाल रोड पर पड़ने वाली लेवल क्रॉसिंग 164-ए पर 4-लेन रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) के निर्माण में देरी पंजाब के लोक निर्माण विभाग द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न देने के कारण हो रही है।
इस संबंध में रिकॉर्ड सहित हवाला देते हुए पंजाब के लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) पहले ही 11 नवंबर 2024 को जारी किया जा चुका है, इसलिए राज्य सरकार द्वारा एनओसी जारी न करने के बारे में केंद्रीय रेल राज्य मंत्री का बयान तथ्यों से परे है। कैबिनेट मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने आगे बताया कि उक्त आरओबी अटलांटा टोलवेज़ और सरकार के बीच साल 2011 में हुए समझौते का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि समझौते के तहत इस परियोजना के अन्य सभी हिस्से पूरे हो गए थे, लेकिन रेलवे की विकास योजनाओं में बदलाव के कारण इस आरओबी को पूरा नहीं किया जा सका। इस अनपेक्षित बदलाव के कारण उक्त कंपनी इस आरओबी के निर्माण को पूरा करने में असमर्थ हो गई जिसके परिणामस्वरूप 5 अगस्त 2021 को यह अनुबंध समाप्त हो गया।
उन्होंने कहा कि इसके बाद उक्त कंपनी इस अनुबंध की समाप्ति को चुनौती देती हुई मध्यस्थता में चली गई और यह हवाला दिया कि आरओबी का कार्य पूर्ण न होने का मुख्य कारण रेलवे की विकास योजनाओं के तहत उक्त आरओबी के स्पैन में वृद्धि किया जाना है। यहां उल्लेखनीय है कि उक्त कंपनी ने पहले ही स्वीकृत जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग (जीएडी) के अनुसार इस आरओबी के कुछ कार्यों को अंजाम दे दिया था और इस कार्य के लिए 3.28 करोड़ रुपए का दावा किया। इसके अलावा आरओबी को पूरा न करने के कारण उक्त कंपनी द्वारा उस 35.51 लाख रुपए का भी दावा किया गया जो रेलवे अधिकारियों के पास पौधों और उपकरणों के शुल्क के रूप में जमा किए गए थे।
लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने कहा कि रेलवे विभाग ने स्वीकृति के लिए एक संशोधित जनरल अरेंजमेंट ड्राइंग प्रस्तुत की है, और यदि इसे उसी प्रकार मंजूर किया जाता है, तो वर्ष 2011 के अनुबंध के तहत रेलवे द्वारा स्वीकृत पिछले जीएडी के अनुसार साइट पर पहले से किए गए कार्य फिजूल खर्च हो जाएंगे और राज्य सरकार को मध्यस्थता के भुगतान का बोझ भी उठाना पड़ेगा। इसलिए 11 नवंबर 2024 को जारी एनओसी में राज्य सरकार के हित सुरक्षित रखे गए हैं।
पंजाब के लोक निर्माण मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने जोर देकर कहा कि केंद्रीय राज्य मंत्री होने के नाते रवीनीत सिंह बिट्टू को अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि कोई भी सरकार पहले स्वीकृत ड्राइंग के अनुसार किए गए कार्यों को व्यर्थ नहीं ठहरा सकती। उन्होंने कहा कि आरओबी पर पहले ही किए गए खर्च को लाभप्रद रूप से उपयोग करने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने टिप्पणी की कि केंद्रीय राज्य मंत्री को बयान देने से पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए।
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