June 18, 2025

Jalandhar Breeze

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लोगों के लिए खतरनाक साबित होगा पंजाब सरकार का अहंकारी और गैर- जिम्मेवारना रवैया -हरपाल सिंह चीमा

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हरपाल सिंह चीमा बुधवार जालंधर में कोरोना के मुद्दे पर पत्रकारों से रूबरू होते हुए साथ में स्थानीय नेता डा. शिव दियाल माली, डा. संजीव शर्मा व अन्य देखे वीडियो 👆

फोटोग्राफर रवि

जालंधर ब्रीज: जालंधर में आम आदमी पार्टी (आप) के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने राज्य के बड़े शहरों में बेकाबू होती जा रही कोरोना महामारी पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू का अहंकारी और गैर -जिम्मेवारना रवैया पंजाब के लोगों की जिंदगियों के साथ खीलवाड़ हो रहा है।


हरपाल सिंह चीमा बुधवार जालंधर में कोरोना के मुद्दे पर पत्रकारों के रूबरू हुए। इस मौके उनके साथ पार्टी के स्थानीय नेता डा. शिव दियाल माली, डा. संजीव शर्मा, एडवोकेट कश्मीर सिंह, करतार सिंह, राजविन्दर कौर, लखवीर सिंह लक्खा आदि मौजूद थे।


हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि लुधियाना, जालंधर, अमृतसर, पटियाला और मोहाली आदि बड़े शहरों समेत पूरे पंजाब में कोरोना का प्रकोप दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पंजाब में जहां कोरोना के नए मामले और मौतों की संख्या पिछले 10 दिनों से तेजी के साथ बढ़ रही है वहीँ राज्य में स्थिति भी बेकाबू होती जा रही है, जबकि मुख्यमंत्री सितंबर माह में कोरोना के चरम सीमा पर होने की भविषयवाणी कर रहे हैं जो सब से बड़ी चिंता करने वाली बात है।

चीमा ने बताया कि वह 3 दिन पहले फरीदकोट के कोरोना केयर सैंटर में सुरक्षा किट पहन कर खुद अंदर गए थे, परंतु प्रबंधों की कमी के कारण मरीजों में बेचैनी और डाक्टरी स्टाफ में डर साफ नज़र आ रहा था। चीमा ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरफ से कोरोना पर जिस तरह काबू पाया गया और उस की रिकवरी दर 91 प्रतिशत की गई और उसी दिल्ली मॉडल को कैप्टन अमरिंदर सिंह और सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू अपने खोखले अहंकार के कारण अपनाने के लिए तैयार नहीं हैं।

हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि डॉक्टर्स, नर्सेज, मैडीकल स्टाफ और सफाई कर्मचारी सरकार की बेरुखी के खिलाफ रोष प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हैं। चीमा ने कहा कि इन कोरोना योद्धाओं का हौसला बढ़ाने के लिए जहां मुख्यमंत्री, सेहत मंत्री ,विधायकों और मंत्रियों को डाक्टरों और स्टाफ के पास जाना चाहिए। वहीं इन के विशेष भत्तो को दोगुना करना चाहिए ,वहीँ कच्चे मुलाजिमों को पक्के, नई भर्ती, नए अस्पतालों और ढांचे पर जोर देना चाहिए।


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