June 18, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

एन.आर.आईज़ के लिए होटलों /घरों में एकांतवास के निर्देश यूनिवर्सिटियों और 6 सरकारी लैबोरटरियों में टेस्टिंग के लिए 12 करोड़ रूपये मंज़ूर

Share news

जालंधर ब्रीज: विदेशों से एन.आर.आईज़ और देश के अन्य राज्यों में फंसे लोगों की बड़ी स्तर पर आमद से निपटने के लिए राज्य की तैयारियों के तौर पर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज कोरोनावायरस के रोग के फैलाव को रोकने के लिए कई हिदायतें जारी की हैं।

उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सख्त हिदायत की कि पंजाब लौटने वाले हरेक व्यक्ति की लाजि़मी तौर पर जांच की जाये और भारत के अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों (रैड जोन) से वापस आने वालों के लिए संस्थागत एकांतवास और एन.आर.आईज़ के लिए होटलों /घरों में एकांतवास को यकीनी बनाया जाये।

और ज्यादा दबाव से निपटने के लिए राज्य सरकार ने राज्य की यूनिवर्सिटियों और लैबोरेटरियों को भी शामिल करने का फ़ैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने छह संस्थाओं के लिए खर्चे चलाने और साजो-सामान के लिए 12 करोड़ रुपए की राशि को तत्काल मंजूरी दे दी है। इन संस्थाओं में रीजनल डिजीज डायगनौस्टिक लैब, नॉर्थ जोन जालंधर, गुरू अंगद देव वैटरनरी एंड एनिमल यूनिवर्सिटी, लुधियाना, गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, पंजाब बायोटैक इंक्यूबेटर मोहाली और पंजाब फोरेंसिक लैब, मोहाली शामिल हैं।

राज्य सरकार ने केंद्र सरकार की टेस्टिंग सहूलतों के बचाव के लिए भी आगे आने का फ़ैसला किया है जो आई.सी.एम.आर. से किटें न मिलने के कारण अपना सामथ्र्य बढ़ाने से असमर्थ थे। मुख्यमंत्री ने इन स्वास्थ्य केन्द्रों को खुली मार्केट में से टेस्टिंग के प्रयोग के लिए किटें खरीदने के निर्देश दिए जिसका खर्चा राज्य सरकार उठाऐगी। यह जि़क्रयोग्य है कि राज्य एक दिन में 2800 व्यक्तियों के टैस्ट कर रहा है जो पिछले हफ़्ते प्रति दिन 1500 की अपेक्षा कहीं अधिक है।
मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमीशनरों को प्राईवेट होटलों की सूची तैयार करने के आदेश दिए जिनका प्रयोग भुगतान के आधार पर एकांतवास के लिए किया जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कार्यशील /ग़ैर -कार्यशील प्राईवेट अस्पतालों का रिकार्ड तैयार करने के लिए भी कहा।

मुख्यमंत्री ने आज स्वास्थ्य और मैडीकल माहिरों के साथ वीडियो काँफ्रेंसिंग के मौके पर यह फ़ैसले किये। मीटिंग के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने स्तर -1 और 2 की सहूलतों की तैयारियों का तुरंत आडिट करवाने के आदेश देते हुये बताया कि विदेशों में रहते 21000 पंजाबी घर वापस आना चाहते हैं। उन्होंने माहिरों की कमेटी को अपने स्तर पर दिशा-निर्देश और प्रोटोकोल तैयार करने और कोई भी कसर बाकी न छोडऩे की हिदायत की।

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह सम्बन्धित देशों से वापस मुडऩे वालों को दिए जाने वाले ज़रुरी सर्टीफिकेटों की भरोसे योग्यता पर विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा कि एन.आर.आईज़ को भुगतान के आधार पर होटलों और घरों में एकांतवास के लिए टेस्टिंग लम्बित होने तक निगरानी के तहत रखने का विकल्प होना चाहिए जो उनके पहुँचने पर चार -पाँच दिनों के अंदर होना चाहिए।

देश में से पंजाब वापस लौटने वालों सम्बन्धी मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र (नांदेड़) जहाँ से अब तक वापस आये 1000 पंजाबियों में से 27 फीसद व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं, के तजुर्बो का हवाला देते हुये कहा राज्य सरकार अब कोई ऐसा मौका पैदा नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि वापस लौटने वाले सभी लोगों को राज्य के एकांतवास केन्द्रों में निश्चित दिनों के लिए रहना होगा।

इससे पहले डा. के.के.तलवाड़ की तरफ से पेश किये गये विस्तृत आंकड़ों से दौरान उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों के रेड ज़ोनों में से वापस लौटने वालों के लिए आर.टी.पी.सी.आर टैस्ट करवाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। यदि उनमें से पॉजिटिव पाये जाने वालों को उनकी मैडीकल स्थिति अनुसार 1, 2 और 3 दर्जा की स्वास्थ्य सुविधाओं के अंतर्गत इलाज के लिए भेजा जायेगा और जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव आयेगी, उनको 14 दिन के लिए घर मेें ही सख्त निगरानी अधीन एकांतवास में रखा जायेगा और ‘कौवा ’ एप में दर्शाने के अलावा मैडीकल टीम की तरफ से ऐसे व्यक्ति की लगातार निगरानी रखी जायेगी।

मीटिंग के दौरान प्रमुख सचिव मैडीकल शिक्षा और अनुसंधान डी.के.तिवाड़ी ने बताया कि राज्य को कम्युूनिटी निगरानी अधीन लाया जा चुका है और अब तक 50 लाख टैस्ट किये जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि कम्युूनिटी निगरानी मुख्य तौर पर उन लोगों की शिनाख्त के लिए की जा रही है जो राज्य में बिना जांच से दाखि़ल हुए हैं। ऐसे व्यक्तियों के संपर्क में आने वाले लोगों और उनके पारिवारिक सदस्यों की भी स्क्रीनिंग को भी लाजि़मी बनाया जा रहा है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि पंजाब ऐसा पहला राज्य है जिस की तरफ से आई.सी.एम.आर के दिशा निर्देशों से भी बढ़ कर वायरल टेस्टिंग को वैज्ञानिक विधि के अनुसार अपनाया है। उन्होंने बताया कि नीति अनुसंधान सम्बन्धी केंद्रीय संस्थान (सी.पी.आर) की तरफ से अमरीका और भारत की अलग-अलग यूनिवर्सिटियों के सहयोग से टेस्टिंग की ऐसी व्यापक योजना को आगे लाया गया है। उन्होंने बताया कि जौहनस हौपकिनस यूनिवर्सिटी के माहिरों की तरफ से इस सिलसिले में नेतृत्व मुहैया करवाया जा रहा है।

सी.पी.आर की तरफ से विकसित की यह चहु-प्रमुख नीति पंजाब सरकार की पहले अपनाई नीति को दो तरीकों से और मज़बूत करती है। एक तरतीब के अनुसार जोखिम पर काबू पाने के लिए और व्यापक और संगठित पहुँच को पूरे राज्य में अपनाना और दूसरे के मुताबिक सामने आने वाले आंकड़ों पर आधारित हासिल समझ की नीति को तरतीब के अनुसार जोखिम घटाने के लिए लगातार विकसित करना। यह चार मुखी नीति के मुख्य पहलू हैं, विभिन्न क्षेत्रों में जोखिम पर काबू पाने के लिए योजनाबंदी, प्रभावित लोगों से जोखिम की तीव्रता को भाँपना, रैंडम टेस्टिंग और आई.सी.एम.आर के निर्देशों अनुसार सैंपल एकत्रित करना।

श्रीमती विनी महाजन ने बताया कि राज्य में मौजूदा समय पी.पी.ई किटें बनाने वाली 28 रजिस्टर्ड फर्में हैं और एन.95 किटें बनाने वाली चार फर्में हैं जबकि मार्च में स्थानीय स्तर की ऐसी एक भी फर्म नहीं थी।

अन्य तैयारियों संबंधी मीटिंग के दौरान बताया गया कि कोविड प्रभावित लोगों के एकांतवास के लिए यूनिवर्सिटियों के कैंपस और होस्टलों को दर्जे 1 के लिए इस्तेमाल किया जायेगा और दूसरे दर्जे के लिए 500 बैड वाले 24 केंद्र तैयार हैं जिनमें जि़ला अस्पताल और फगवाड़ा और खन्ना में बनाऐ गए एकांतवास केंद्र शामिल हैं। दूसरे और तीसरे दर्जे के लिए निजी अस्पतालों को शामिल किया जायेगा।


Share news