
जालंधर ब्रीज: कुछ निर्माताओं को प्राथमिकता दिए जाने के इल्ज़ामों को रद्द करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने रविवार को हुक्म दिया कि किसानों को सब्सिडी पर खेती उपकरण / मशीनरी मुहैया करवाए जाने सम्बन्धी फ़सल के अवशेषों का प्रबंधन करने की स्कीम का सामाजिक पूर्व लेखा किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग द्वारा किए जाने वाले इस सामाजिक पूर्व लेखे से कुछ राजनैतिक समूहों द्वारा अपने हित पूर्ण करने के लिए किए जा रहे झूठे प्रचार पर रोक लगेगी। उन्होंने आगे कहा कि इस स्कीम का मकसद खरीफ सीजन 2020 के दौरान वैज्ञानिक ढंग से धान की पराली का निपटारा करना है और एक भी किसान ने इस स्कीम के अंतर्गत मुहैया करवाए जा रहे उपरकणों / मशीनों की गुणवत्ता पर सवाल नहीं उठाए।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि इस पूर्व लेखा प्रक्रिया का मकसद उपरोक्त स्कीम में और सुधार लाकर इस का दायरा बड़ा करना और इसको और भी ज़्यादा किसान समर्थकीय बनाना है और इस स्कीम का असली मकसद राज्य में पराली जलाने से पैदा होने वाले प्रदूषण से मुक्त करवाना है। इस मकसद हेतु सभी पक्षों से सुझाव और ऐतराज़ माँगे जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा यह स्कीम बीते दो वर्षों से किसानों और सहकारी सोसाइटियों को कृषि से सम्बन्धित मशीनरी का वितरण करने के लिए चलाई जा रही है, जिससे धान की पराली का ठोस ढंग से एकमुश्त निपटारा किया जा सके। इस स्कीम के अंतर्गत पंजाब के किसानों को 50,815 कृषि मशीनों पर तकरीबन 460 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जा चुकी है।
केंद्र सरकार द्वारा पंजाब के 180 उत्पादकों को पहले ही सूचीबद्ध किया जा चुका है, जिससे किसानों को कृषि उपकरण / मशीनरी मुहैया करवानी यकीनी बनाई जा सके। चालू वर्ष के दौरान सरकार ने ऐसी 23,500 मशीनों पर करीब 300 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने का फैसला किया है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास अनिरुद्ध तिवाड़ी को निर्देश दिए हैं कि लेखा मुकम्मल होने के बाद ही यह मशीनें किसानों / सोसाइटियों को दी जाएँ। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा है कि किसानों और सहकारी सोसाइटियों को कृषि मशीनरी / यंत्रों के वितरण से पहले सामाजिक पूर्व लेखा मुकम्मल कर लिया जाएगा।
7000 व्यक्तिगत किसानों को मशीनों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी, जब कि 5000 सहकारी सोसाइटियों, पंचायतों और किसान समूहों को मशीनों पर 80 प्रतिशत सब्सिडी रेट पर दी जाएंगी। खेतों में धान की पराली जलाने के काम का मुकम्मल ख़ात्मा होना यकीनी बनाने के लिए खेतों में पराली के निपटारे के लिए सूपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम वाली कम्बाईनें, हैप्पी सीडर, धान की पराली वाले चौपर, मल्चर, आर.एम.बी. प्लो, ज़ीरो टिल ड्रिल, सूपर सीडर जैसी अत्याधुनिक यंत्र / मशीनों की ज़रूरत है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि धान की पराली के प्रबंधन में और सुधार लाने के लिए कृषि विभाग ने फ़ैसला किया है कि पराली को सँभालने के लिए किसानों और सोसाइटियों को बेलर, रैक्स आदि ऐसी मशीनें सब्सिडी पर मुहैया करवाई जाएँ।
इसी दौरान कृषि सचिव श्री के.एस. पन्नू ने किसानों, किसान यूनियनों, राजसी पार्टियाँ, मशीनें निर्माण करने वाले और ग़ैर-सरकारी संगठनों से अपील की है कि किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए वह अपने सुझाव और ऐतराज़ आगे रखें। उन्होंने कहा कि सुझाव और ऐतराज़ 17 अगस्त, 2020 तक डायरैक्टर कृषि और किसान कल्याण विभाग, पंजाब के पास लिखित या डाक के द्वारा या ईमेल (directoragriculturalpunjab@gmail.com) या मोबाइल (9876800780 या 9478049498) पर वट्सऐप के द्वारा जमा करवाएं।
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