
जालंधर ब्रीज: पंजाब व हरियाणा राज्यों ने गेहूं की ख़रीद में बड़ा योगदान डाला है। 24 मई, 2020 तक सरकारी एजेन्सियों द्वारा ख़रीदी गई कुल 341.56 लाख मीट्रिक टन गेहूं में से पंजाब व हरियाणा से क्रमशः 125.84 लाख मीट्रिक टन व 70.65 लाख मीट्रिक टन की ख़रीद की थी। चण्डीगढ़ से 0.12 लाख मीट्रिक टन व हिमाचल प्रदेश से 0.03 लाख मीट्रिक टन गेहूं ख़रीदी गई।
लॉकडाऊन के दौरान भी कृषि गतिविधियों को निरंतर जारी रखना सुनिश्चित करने हेतु रियायतें दी गईं थीं। व्यक्तिगत ख़रीद केन्द्रों में किसानों की भीड़ कम करने के लिए ख़रीद केन्द्रों की संख्या में पर्याप्त बढ़ोतरी की गई है, ताकि महामारी के दौरान ख़रीद का कार्य सुरक्षित ढंग से निपट सके। ग्राम पंचायत स्तर पर उपलब्ध प्रत्येक सुविधा का उपयोग करते हुए नए केन्द्र स्थापित किए थे तथा अधिक ख़रीद करने वाले पंजाब जैसे राज्यों में यह संख्या 1,836 से अत्यधिक बढ़ा कर 3,681 तथा हरियाणा में 599 से 1,800 हो गई थी। प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए, किसानों को अपनी फ़सलें लाने हेतु विशेष तिथियां व स्लॉट दिए गए थे, जिससे भीड़ से बचाव करने में सहायता मिली।
पंजाब के एक आढ़ती नछत्तर सिंह ने बताया कि सरकारी एजेन्सियों द्वारा बहुत ही सुचारु ढंग से गेहूं उठाई जा रही है तथा सरकार से उन्हें सारा भुगतान प्राप्त हो रहा है, जो आगे किसानों को दिया जा रहा है।
लॉकडाऊन को 31 मई, 2020 तक बढ़ा दिया गया है, अतः गृह मंत्रालय ने वाणिज्यिक गतिविधियाँ पुनः प्रारंभ करने हेतु और रियायतें दी हैं। इस कदम का स्वागत करते हुए चण्डीगढ़ के एक व्यापारी ने कहा कि ये रियायतें उनके लिए बड़ी राहत हैं तथा कोविड-19 से संबंधित सावधानियों व सरकारी नियमों का अनुपालन करना प्रत्येक व्यक्ति की ज़िम्मेदारी है।
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