
जालंधर ब्रीज: पंजाब के आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा राजधानी चंडीगढ़ में रेगुलर ईटीटी शिक्षकों के लिए 16 दिनों से टावर पर बैठे सोहन सिंह से मिलने पहुंचे और उनसे नीचे उतरने का आग्रह किया। चीमा ने शिक्षा मंत्री परगट सिंह की आलोचना करते हुए कहा कि अगर वे शिक्षकों की जायज मांगों को लागू नहीं कर सकते तो इस्तीफा दे दें।
चीमा शनिवार को सेक्टर 4 स्थित एमएलए हॉस्टल के पास टावर पर बैठे सोहन सिंह और धरने पर बैठे उनके साथियों से मिलने पहुंचे। उन्होंने सोहन सिंह से फोन पर बात की। इस मौके पर ईटीटी शिक्षक कमल ठाकुर, गुरमुख सिंह, चमकौर सिंह, गुरवीर सिंह, राहुल चोपड़ा, अमन कुमार, गौरव शर्मा, मंदीप सिद्धू और जतिंदरपाल सिंह ने हरपाल सिंह चीमा को मांग पत्र सौंपा।
चीमा ने कहा कि पंजाब के शिक्षा मंत्री परगट सिंह खुद स्वीकार कर रहे हैं कि 180 ईटीटी नियमित शिक्षकों के मामले में शिक्षा विभाग ने गलती की है। मुख्यमंत्री चन्नी के आवास से चंद गज की दूरी पर ये शिक्षक शिक्षा मंत्री परगट सिंह के जालंधर आवास के सामने धरना दे रहे हैं। उन्होंने कहा यदि कांग्रेस सरकार शिक्षा मंत्री परगट सिंह की नहीं सुनती तो उन्हें सरकार में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
आप नेता ने कहा कि चन्नी सरकार ईटीटी शिक्षकों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है। मुख्यमंत्री चन्नी डरपोक मुख्यमंत्री हैं इसलिए वे इन शिक्षकों की मांगों से भाग रहे हैं। बजाय इसके, वे अधिकारियों से धरना स्थल पर जोरदार डीजे बजाने के लिए कह रहे हैं ताकि मुख्यमंत्री को प्रदर्शनकारियों की आवाज न सुनाई दे। उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री राज्य के स्कूलों का नंबर वन होने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ शिक्षक टंकियों और टावरों पर चढ़कर अपने हक की मांग कर रहे हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इन 180 ईटीटी शिक्षकों को शिक्षा विभाग द्वारा 2016 में भर्ती किया गया और 2018 में नियमित करने के बाद उन्हें सेवा से निकाल दिया गया। उच्च न्यायालय के आदेश पर सरकार ने शिक्षकों को फिर से बहाल तो कर दिया लेकिन उनके वेतन में जबरदस्ती और क्रूरतापूर्वक कटौती कर दी।
उन्होंने कहा कि बेहद हैरान करने वाली बात है है कि 180 ईटीटी शिक्षकों की समस्या के समाधान के लिए शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने वित्त विभाग को फाइल भेजी थी लेकिन वित्त विभाग के आला अधिकारीयों ने इसपर कोई कार्रवाई नहीं की।
चीमा ने कहा कि आम आदमी पार्टी धरने पर बैठे ईटीटी पास शिक्षकों के सभी मांगों का समर्थन करती है और मुख्यमंत्री से मांग करती है कि इन शिक्षकों की मांगों को तुरंत पूरी की जाए और सोहन सिंह सहित अन्य टावरों और टंकियों पर बैठे शिक्षकों की जान बचाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस सरकार ईटीटी शिक्षकों की समस्या का समाधान नहीं कर पाई तो शिक्षा मंत्री को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।
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