
जालंधर ब्रीज: एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को अपनी सांस्कृतिक विरासत और समृद्धि को प्रदर्शित करने के लिए एक साझा मंच प्रदान करता है। ये कहना है रीजनल आउटरीच ब्यूरो, सूचना और प्रसारण मंत्रालय चंडीगढ़, के उप निदेशक श्री अनुज चांडक का। वह पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) और रीजनल आउटरीच ब्यूरो चंडीगढ़ और पीआईबी केरल के सहयोग से आज आयोजित “एक भारत श्रेष्ठ भारत” पर एक वेबिनार के दौरान बोल रहे थे। हिमाचल प्रदेश और केरल के राज्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन्होंने इन राज्यों के बीच समानता पर जोर दिया और कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न राज्यों के लोगों के बीच आपसी समझ को बढ़ावा देना है।
केरल के अकादमीशियन, अनुसंधानकर्ता व शास्त्रीय नृत्यांगना डॉ. नीना प्रसाद ने केरल की विभिन्न निष्पादन कला (Performing Arts) परंपराओं; जैसे कि केरल की प्राचीन संस्कृत रंगमंच कला – ‘कूटियाट्टम’ एवं केरल के एक शास्त्रीय नृत्य – ‘मोहिनीअट्टम’ के विवरण विस्तारपूर्वक बताए। उन्होंने केरल की समृद्ध संस्कृति संबंधी आगे बताया कि अरबों, पुर्तगालियों, डच लोगों से केरल का ऐतिहासिक संबंध रहा है, जिस ने साझे मल्याली संस्कृति को विकसित करने में सहायता की।
वेबिनार के दौरान, हिमाचल प्रदेश स्थित सूचना और जनसंपर्क विभाग के पूर्व उप निदेशक, श्री मेला राम शर्मा ने कहा कि प्राकृतिक सौंदर्य और समृद्धि के साथ हिमाचल प्रदेश देश के पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है। नृत्य रूपों और व्यंजनों के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले का अपना जीवन जीने का तरीका है और हिमाचल प्रदेश अनेकता में एकता का एक अच्छा उदाहरण प्रदर्शित करता है।
चंडीगढ़ स्थित रीज़नल आउटरीच ब्यूरो के सहायक निदेशक श्री बलजीत सिंह ग्रेवाल ने सत्र का समापन करते हुए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। पत्र सूचना कार्यालय, चंडीगढ़ के सहायक निदेशक श्री हिमांशु पाठक ने वेबिनार का संचालन किया जिसमें चंडीगढ़ क्षेत्र और केरल से सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।
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