August 4, 2025

Jalandhar Breeze

Hindi Newspaper

एफओबी, जालंधर द्वारा राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस का आयोजन

Share news

जालंधर ब्रीज: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रोपड़ ने एक सिंचाई चेतावनी उपकरण विकसित किया है जो खेती के दौरान पानी के संरक्षण में मदद करता है।

जल संरक्षण के साथ-साथ फसल विविधीकरण के लिए विभिन्न तकनीकों के बारे में एक वेबिनार के दौरान दर्शकों को अवगत कराते हुए, आई आई टी में कृषि और जल प्रौद्योगिकी विकास हब (एडब्ल्यूएडीएच) के परियोजना प्रमुख डॉ पुष्पेंद्र सिंह ने कहा कि ‘सिंचाई अलर्ट डिवाइस’ एक ऐसी प्रणाली है जो खेत में नमी का पता लगाती है खेत, फसल की आवश्यकता अनुसार विश्लेषण करके किसान को एक संदेश जारी करती है ताकि वह सिंचाई शुरू कर सके। उन्होंने कहा, “यह उपकरण पानी बचाने में मदद करेगा क्योंकि आमतौर पर धान की बुवाई के दौरान देखा जाता है की किसान बहुत देर तक निरंतर पानी चलता रहने देते हैं। इस उपकरण से ऐसा होने से रोका जा सकेगा।

डॉ पुष्पेंद्र ने इस पहल का खुलासा ‘कृषि विधियों में विविधता लाने के दौरान पानी बचाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका’ पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए किया। यह वेबिनार सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के फील्ड आउटरीच ब्यूरो (एफओबी) जालंधर द्वारा आज राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर आई आई टी रोपड़ के सहयोग से आयोजित किया गया था।

डॉ पुष्पेंद्र, जो आईआईटी, रोपड़ में एसोसिएट डीन, रिसर्च एंड डेवलपमेंट भी हैं व इस वेबिनर के मुख्य वक्ता थे ने कहा कि संस्थान ने पानी में से प्रदूषकों को साफ़ कर के पानी को पीने योग्य बनाने के लिए एक नैनो बबल जेनरेटर भी विकसित किया है।

इससे पहले, विवेक वैभव, निदेशक, क्षेत्रीय आउटरीच ब्यूरो, चंडीगढ़, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने अपने मुख्य भाषण में, राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के महत्व को समझाया, जो 11 मई, 1998 से मनाया जा रहा है। यह दिवस भारत द्वारा पोखरण मे सफलतापूर्वक परमाणु परीक्षण के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

एफओबी जालंधर के फील्ड पब्लिसिटी अधिकारी राजेश बाली, जिन्होंने वेबिनार का आयोजन और संचालन किया, ने कहा कि हम सभी को अपने स्तर पर भी आने वाली पीढ़ियों के लिए पानी को साफ और संरक्षित करने के लिए एक प्रणाली विकसित करने की जरूरत है ताकि उन्हें भी पीने योग्य पानी मिल सके।

उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के अनुसार पंजाब में विभिन्न स्थानों पर जल स्तर नीचे चला गया है और हम सभी आईआईटी, रोपड़ और ऐसे अन्य संस्थानों द्वारा विकसित विभिन्न तकनीकों का उपयोग करके स्तर को बढ़ाने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर सकते हैं। सुश्री सपना, उप निदेशक, आरओबी, चंडीगढ़ ने दर्शकों, विशेष रूप से कुछ इंजीनियरिंग संस्थानों के युवा छात्रों और जालंधर निदेशालय के एनसीसी कैडेटों की सराहना करते हुए धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

इन सभी जनों ने प्राकृतिक संसाधनों को बचाने के लिए लोगों को जागरूक करने का संकल्प लिया। उन्होंने जालंधर के एक युवा प्रगतिशील किसान, करणबीर संधू जो इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एम.टेक हैं की भी सराहना की, जो पहले से ही कृषि और फसल अवशेष प्रबंधन में विविधीकरण कर रहे हैं। करणबीर ने दर्शकों के साथ अपने अनुभव भी साझा किए।


Share news

You may have missed