June 16, 2025

Jalandhar Breeze

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राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर ने अस्पतालों और सुरक्षा एजेंसियों के लिए क्यूटबोल्ट रोबोट विकसित किया

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जालंधर ब्रीज: अपने आत्मनिर्भर भारत के प्रयास की दिशा में डॉ बी आर आंबेडकर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जालंधर ने बहुउद्देश्यीय कार्य के मकसद से मोबाइल रोबोट क्यूटबोल्ट विकसित किया है जो स्वास्थ्य योद्धाओं को संक्रमण से बचाएगा तथा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए निगरानी करने में मददगार होगा। 

स्वास्थ्य क्षेत्र में, आवाज संचार प्रणाली से लैस होने के कारण डॉक्टर और चिकित्सा कर्मचारी कोविड-19 और अन्य संक्रामक रोगों से ग्रस्त रोगियों के साथ अपने कमरे में बैठे ऑडियो-विज़ुअल स्क्रीन के माध्यम से बातचीत कर सकते हैं। यह दवाइयों के लिए मरीज़ों के मार्गदर्शन और आइसोलेशन वार्डों में जलपान भी उपलब्ध करवा सकता है। सुरक्षा कर्मियों के लिए, यह निगरानी और कुछ अन्य आवश्यक क्षेत्रों में मदद कर सकता है।

रोबोट का उद्घाटन हाल ही में एनआईटी जालंधर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष सुभाष चंद्र रल्हन द्वारा किया गया है। डॉ कुलदीप सिंह नगला, एसोसिएट प्रोफेसर और रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन के विशेषज्ञ और प्रोफेसर एलके अवस्थी,संस्थान निदेशक, द्वारा संयुक्त रूप से डिज़ाइन किया गया यह रोबोट अस्पताल के वातावरण में अन्य कार्यों के अलावा लगभग पंद्रह किलोग्राम वजन उठा सकता है। 

डॉ नगला ने कहा कि क्यूटबोल्ट को इंटरनेट और तार आधारित जॉयस्टिक दोनों के माध्यम से 25-30 मीटर के दायरे में नियंत्रित किया जा सकता है। यह अधिकतम 22 मीटर प्रति मिनट के साथ एकचर गति पर चलता है। यह दो अस्पताल बेड के बीच आसानी से चल सकता है। कम से कम दो घंटे तक लगातार काम करने के बाद रोबोट को रिचार्ज किया जा सकता है। यह अपने प्लेटफार्म पर स्वतंत्र रूप से यूवी प्रकाश कीटाणुनाशक भी अपना सकता है। 

उन्होंने कहा, इसे अस्पतालों में सामग्री, अस्पताल के कचरे और अन्य सामान को ले जाने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ट के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका उपयोग अस्पताल के वार्डों के अंदर रोगी के आसपास की गतिविधियों की निगरानी रखने वाले स्टेशन के रूप में भी किया जा सकता है। इसी रोबोट का उपयोग घरेलू वातावरण में,  होटलों और विवाह समारोहों में बुज़ुर्गों या विकलांगों आदि की भोजन सेवा के लिए शामिल कर किया जा सकता है। 

डॉ नगला ने कहा कि ये दिलचस्प है कि रोबोट को इंटरनेट के माध्यम से सिर्फ सॉफ्टवेयर बदलकर, कई सौ किलोमीटर से नियंत्रित करने के लिए आसानी से संशोधित किया जा सकता है। यह परिचालन क्षेत्रों में काम कर रही सुरक्षा एजेंसियों की उन्नति के लिए उपयुक्त साबित हो सकता है। 

संस्थान के निदेशक प्रोफेसर एलके अवस्थी ने कहा कि बड़े पैमाने पर उत्पादन के बाद, 2-2.5 लाख रूपए लागत की वजह से क्यूटबोल्ट रोबोट अद्वितीय है और विदेशी बाजारों में उपलब्ध अन्य ऐसे रोबोटों की तुलना में कम लागत में उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि संवाद करने के लिए यह अपने सिर, जो एक स्क्रीन है, को 360 से अधिक डिग्री तक घुमा सकता है। उन्होंने कहा कि इसकी वजन उठाने की क्षमता और वजन रखने के लिए मात्रा बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि संस्थान ने इसके अधिक उत्पादन और व्यावसायीकरण के लिए गुजरात स्थित एक कंपनी को तकनीक हस्तांतरित की है।

आत्मानिभर भारत के लिए प्रधानमंत्री के आह्वान के बाद, पिछले कुछ वर्षों के दौरान, संस्थान के संकाय और छात्रों ने पचास से अधिक  पेटेंट, कॉपीराइट और डिज़ाइन के रूप में बौद्धिक संपदा अधिकार दायर किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि महामारी के समय के दौरान, संस्थान ने उद्योग में पांच तकनीकों को स्थानांतरित कर दिया है तथा एनआईटी जालंधर द्वारा आविष्कार किए गए उत्पाद अब बाजार में हैं। ये एयरप्यूरीफायर, फेसमास्क, अल्ट्रावायलेट क्लीनर आदि हैं। 


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