
जालंधर ब्रीज भारतीय जनता पार्टी पंजाब के मुख्य प्रवक्ता अनिल सरीन ने भगवंत मान सरकार पर एक बार फिर लोगों के साथ झूठ व धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 27 जनवरी को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने पंजाब के लोगों को जो 400 नए आम आदमी क्लीनिक सौंपने की बात की है, असल में यह सभी पुराने प्राइमरी हेल्थ सेंटर हैं, जिनकी लीपापोती करके और थोड़ा बहुत इंफ्रास्ट्रक्चर बदल कर उसको नए आम आदमी क्लीनिक का नाम दिया है।
उन्होंने कहा कि श्री अमृतसर साहिब में पंज प्यारों के नाम से बने स्वास्थ्य केन्द्रों का नाम बदलकर आम आदमी क्लीनिक करना और भगवंत मान की फोटो लगाना घोर निंदनीय है। भाजपा मुख्यालय चंडीगढ़ में आयोजित पत्रकारवार्ता में अनिल सरीन ने कहा कि पंजाब की भगवंत मान सरकार आम आदमी क्लीनिक के नाम पर केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए करोड़ों रुपए के फंड को खुर्द-बुर्द करने में लगी है। इस अवसर पर उनके साथ एस.एस. चन्नी, जैसमीन संधेवालिया तथा हरदेव सिंह उभा भी उपस्थित थे।
अनिल सरीन ने कहा कि केंद्र सरकार ने देश भर में प्राइमरी हेल्थ सेंटरों को और सुदृढ़ करने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन के तहत योजना बनाई है तथा उसके लिए सभी राज्यों को काफी बड़ी मात्रा में केन्द्रीय पूल से फंड जारी किया है। इसी के तहत अप्रैल 2022 से नवंबर 2022 तक नेशनल हेल्थ मिशन के तहत पंजाब को 342 करोड़ से अधिक की राशि केंद्र द्वारा भेजी गई है। इसी राशि का इस्तेमाल करते हुए जो प्राइमरी हेल्थ सेंटर पंजाब में चल रहे थे उनको केंद्रीय योजना के तहत और और सुदृढ़ किया जाना था, लेकिन अपनी आदत से मजबूर भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल ने पहले की तरह इस केंद्रीय योजना को अपना नाम देकर एक बार फिर पंजाब की जनता को गुमराह करने का काम किया है।
अनिल सरीन ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से सवाल करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार ने जो 400 नए आम आदमी क्लीनिक खोलने का दावा कर रही है, वह उनसे पूछना चाहते हैं कि एक भी ऐसे आम आदमी क्लीनिक का नाम बताएं, जिसको भगवंत मान सरकार ने पंजाब के खज़ाने से जारी फंड से खुद बनाया हो और वह पुराना प्राइमरी हेल्थ सेंटर ना हो।
सरीन ने कहा कि इसके साथ-साथ आपके ध्यान में लाना चाहता हूं कि 18.11. 2022 को पंजाब के सेहत विभाग ने सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नर तथा सिविल सर्जन को पत्र लिखा था, जिसमें पहले से चल रहे 521 प्राइम हेल्थ सेंटरों को सुदृढ़ करने की बात कही थी तो फिर यह नए 400 आदमी क्लीनिक कौन से हैं? (आपकी सुविधा के लिए वह पत्र भी इस प्रेस नोट के साथ अटैच है।) इससे यह बात पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है कि आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार ने एक भी नया आम आदमी क्लीनिक पंजाब में नहीं खोला।
केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए पैसों से प्राइमरी हेल्थ सेंटर को सुदृढ़ करने की योजना का श्रेय लेने के लिए करोड़ों रुपए के विज्ञापन देकर पंजाब की जनता के खून पसीने के टैक्सों के पैसों का दुरुपयोग किया है और पंजाब की जनता के साथ फ्रॉड किया है। भगवंत मान सरकार ने इस दुरुपयोग का विरोध करने वाले आईएएस अधिकारी का तबादला कर दिया तथा उसके खिलाफ जांच के आदेश भी जारी कर दिए। आम आदमी पार्टी की सरकार दमनकारी नीतियों से सच्चाई को दबाने की कोशिश करती है। आप सर्कार पंजाब की जनता का भला नहीं चाहती। केवल और केवल झूठ और फरेब की राजनीति करते हुए वाह-वाही कमाना चाहती है।
अनिल सरीन ने कहा कि यही नहीं भगवंत मान सरकार ने जो आम आदमी क्लीनिक खोलने की बात की है, उसके लिए कोई भी नए डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती नहीं की। प्राइमरी हेल्थ सेंटर पर जो डॉक्टर पहले से काम कर रहे थे, उन्हें ही तथाकथित आम आदमी क्लीनिक में काम करने की जिम्मेदारी दी गई है। अब यह डॉक्टर पूरा हफ्ता आम आदमी क्लीनिक पर काम करेंगे तो सीएचसी पर इमरजेंसी सेवाएं कैसे चलेंगी? क्योंकि जितने भी एमबीबीएस डॉक्टर इन प्राइमरी हेल्थ सेंटरों पर तैनात हैं वह हफ्ते में लगभग 4-5 दिन ओपीडी अपनी ही पीएचसी पर करते थे और बाकी के 1-2 दिन कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों पर इमरजेंसी सेवाएं देते थे।
यह डॉक्टर दिन-रात एक करके ग्रामीण लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं देकर उनके जान-माल की रक्षा कर रहे थे। अब जब इनको आम आदमी क्लीनिक पर हर रोज ओपीडी करने की जिम्मेदारी देंगे तो वह कम्युनिटी हेल्थ सेंटरों पर इमरजेंसी सेवाएं किस समय दे पाएंगे। यह एक बहुत बड़ा प्रश्न है? यही कारण है कि पूरे पंजाब भर में गांव की अनेक पंचायतों और सरपंचों ने भगवंत मान सरकार की इस ड्रामेबाजी का कड़े शब्दों में विरोध किया है। इस तरह से भगवंत मान सरकार ने पंजाब की जनता के साथ एक और खिलवाड़ किया है और केवल और केवल यह दिखाने का प्रयास किया है कि उसने आम आदमी क्लीनिक/ मोहल्ला क्लीनिक का वादा पूरा किया है। जबकि असल में उसने एक भी आम आदमी क्लीनिक नहीं खोला।
अनिल सरीन ने कहा कि एक तरफ भगवंत मान सरकार राज्य में सेहत सुविधाओं को बेहतर करने की बात करती है, दूसरी तरफ आयुष्मान भारत जैसी केंद्रीय योजना जिसमें 5 लाख तक का मुफ्त इलाज पंजाब के लगभग 45,11,600 से अधिक परिवारों को मिलता है, उस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए कोई पुख्ता कदम नहीं उठाती और ना ही किसी इंश्योरेंस कंपनी से आगे के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया गया। बल्कि भगवंत मान सरकार ने बहुत सारे अस्पतालों का पिछला करोड़ों रुपया का बकाया अभी भी रोक रखा है।
जब से पंजाब में आप सरकार आई है, तब से सुविधाओं को उपलब्ध कराने के लिए वाहवाही कमाने की दुहाई देती रही है (जिनको केवल एमबीबीएस डॉक्टर चलाएंगे और वहां पर बुखार, खांसी जैसी छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज भी हो पाएगा) जबकि यह सुविधाएं पहले से ही इन्हीं प्राइमरी हेल्थ सेंटरों में उपलब्ध थी।
दूसरी तरफ आयुष्मान भारत की योजना के तहत पंजाब की जनता को 5 लाख तक का इलाज मुफ्त मिलता है, जिनमें कार्डियोलॉजी के लगभग सभी प्रोसीजर शामिल है, जिसमें एनजीओ प्लास्टी, एंजियोग्राफी शामिल है। जनरल सर्जरी के 100 से अधिक प्रोसीजर है जैसे कि हर्नियोप्लास्टी, गॉलब्लैडर सर्जरी, कैंसर ट्रीटमेंट, न्यूरो सर्जरी, स्पाइन सर्जरी, आई सर्जरी, नी रिप्लेसमेंट सर्जरी, प्लास्टिक सर्जरी, रेडिएशन थेरेपी, न्यूरोलॉजी आदि। आयुष्मान भारत स्कीम के तहत लगभग 1300 बीमारियों तथा 25 स्पेशियलिटीस का इलाज मुफ्त में लोगों को मिलता हैं। पंजाब सरकार बताएं क्या आयुष्मान स्कीम को चलाकर पंजाबियों को फायदा हो सकता है या झूठ और फरेब की राजनीति से? भगवंत मान सरकार ने उसको सही ढंग से ना चला कर पंजाबियों की जान-माल के साथ खिलवाड़ किया है। ना जाने कितने लोग अपनी जान गवा बैठे होंगे और ना जाने कितने ही लोग इलाज से वंचित रहे होंगे। उन्होनें इलाज के लिए कितनी भारी मात्रा में धनराशि खर्च करनी होगी। क्या यह लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं है? क्या यही है भगवंत मान सरकार का हेल्थ मॉडल?
अनिल सरीन ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भगवंत मान सरकार के झूठ व धोखे की राजनीति की कड़े शब्दों में निंदा करती है और मांग करती है कि लोगों की जान-माल से खेलना बंद करें। पंजाब की जनता भगवंत मान सरकार की इस नीच राजनीति को समझ चुकी है तथा अब वह झांसे में आने वाली नहीं है।
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