
जालंधर ब्रीज: हरेक फ़सल पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एम.एस.पी.) की माँग कर रहे किसानों की माँग का समर्थन करते हुये पंजाब के राजस्व मंत्री अरुणा चौधरी ने माँग की कि एम.एस.पी. को कानूनी जामा पहनाया जाये और इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में विस्तार से बहस हो।
किसानों को हरेक लाभ देने की राज्य सरकार की वचनबद्धता दोहराते हुये चौधरी ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाली एन.डी.ए. सरकार इस मुद्दे पर बहस से डर रही है क्योंकि केंद्र सरकार किसानों को कोई भी अधिकार देने से झिझकती है। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए हरेक फ़सल पर एम.एस.पी. को कानूनी अधिकार बनाया जाये।
संसद में तीन खेती कानूनों के रद्द होने को संघर्षशील किसानों और मज़दूरों के लिए बड़ी जीत बताते हुये कैबिनेट मंत्री ने कहा कि किसानों के खि़लाफ़ दर्ज हुए केस तुरंत रद्द हों और संघर्ष के दौरान शहीद हुए किसानों के वारिसों को मुआवज़ा दिया जाये। इसके अलावा एम.एस.पी. को कानूनी जामा पहनाया जाये क्योंकि महँगाई के इस दौर में किसानों को कुछ राहत की ज़रूरत है।ज़िक्रयोग्य है कि केंद्र सरकार 23 फसलों पर एम.एस.पी. घोषित है परन्तु जब फ़सल मंडी में आती है तो तब किसानों को इस एम.एस.पी. से बहुत कम कीमत मिलती है। एम.एस.पी. को कानूनी मान्यता न मिलने के कारण किसान इसका एक अधिकार के तौर पर माँग नहीं कर सकते।
More Stories
बाजवा ने पीडीसी में गैर-पंजाबियों को काम पर रखने के लिए आप सरकार को दोषी ठहराया
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने डीसी और पुलिस आयुक्त को मतदान से 72, 48 और 24 घंटे पहले अतिरिक्त सतर्कता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए
21 जून को पुलिस लाइन ग्राउंड में मनाया जाएगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस- निकास कुमार