
जालंधर ब्रीज: पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजर इंदर सिंगला ने बुधवार को विद्यार्थियों, माता-पिता, अध्यापकों और अन्य हिस्सेदारों के साथ फेसबुक पर सीधी बातचीत की जहाँ उनको इसका भरपूर समर्थन मिला वहीं बहुत से प्रश्न सामने आए। बातचीत के दौरान श्री सिंगला ने लोगों के द्वारा की गई सभी टिप्पणियों और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने की कोशिश की। कैबिनेट मंत्री ने उनको कोविड -19 महामारी फैलने के कारण विद्यार्थियों के हुए नुकसान से जुझने के लिए पंजाब सरकार द्वारा लिए गए फ़ैसलों संबंधी भी अवगत करवाया।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन क्लासों की प्रकृति का निरीक्षण करके और जल्द ही इन कक्षाओं के मापदण्डों को कायम रखने के लिए इस सम्बन्धी ऐडवायजऱी जारी की जाऐगी। उन्होंने आगे कहा कि स्कूल सिफऱ् उस तारीख से ही ट्यूशन फीस ले सकते हैं जबसे उन्होंने क्लासों की शुरुआत की थी।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इन्टरनेट से सम्बन्धित समस्याओं के मद्देनजऱ शिक्षा विभाग ने तीसरी से नौवीं और नौवीं और दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए टीवी, डीडी पंजाबी पर पाठ्यक्रम का प्रसारण शुरू करने का फ़ैसला लिया है।
श्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि उन्होंने स्कूलों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जायेगी जो बार बार सरकार की हिदायतों का उल्लंघन करेंगे। उन्होंने कहा कि डी.ई.ओज़ को हिदायत की गई है कि जहाँ सरकारी हिदायतों के उल्लंघन संबंधी लोगों की शिकायतें मिलती हैं, वह अपने अपने क्षेत्रों में सरकार की हिदायतें को लागू करवाएं और अपने विवरण नोडल अफसरों के साथ सांझे करें। इस दौरान उन्होंने अपनी ई मेल vijayindersingla@gmail.com भी सांझी की और विद्यार्थियों, उनके माता-पिता और अन्य लोगों को स्कूल शिक्षा से संबंधित वह शिकायतें इस पर भेजने के लिए कहा जो नोडल अफसरों द्वारा न हल की जाएँ। उन्होंने भरोसा दिलाया कि माता-पिता की तरफ से प्राप्त हर शिकायत को हल किया जायेगा।
स्कूल परिवहन सम्बन्धी मुद्दे पर श्री सिंगला ने कहा कि वह यह मुद्दा मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे और उनको उसके अनुसार ही उचित राहत दी जायेगी।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि जो स्कूल ऑनलाईन क्लासों ले रहे हैं, उनको कफ्र्यू/लॉकडाऊन के समय के लिए सिफऱ् ट्यूशन फीस लेने की आज्ञा दी गई है। उन्होंने कहा कि दाखि़ला फीस, वर्दियाँ या अन्य चार्ज समेत अन्य किसी भी तरह के चार्ज़ वह विद्यार्थियों से नहीं ले सकते। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों को कम से कम दो सालों के लिए वर्दियों में तबदीली न करने के लिए हिदायत की गई है और मैनिजमैट किसी स्कूल में या बाहरी ख़ास दुकान से वर्दियाँ, किताबेें या अन्य वस्तुएँ खरीदने के लिए किसी भी विद्यार्थी को मजबूर नहीं कर सकती।
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