June 19, 2025

Jalandhar Breeze

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मैंबर सचिव पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथारिटी ने गढ़शंकर कचहरी में स्थापित फ्रंट आफिस का किया औचक दौरा

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जालंधर ब्रीज: मैंबर सचिव पंजाब राज कानूनी सेवाएं अथारिटी अरुण गुुप्ता की ओर से आज गढ़शंकर कचहरी में स्थापित किए गए फ्रंट आफिस का औचक दौरा किया। इस मौके पर सी.जे.एम- कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी श्रीमती अपराजिता जोशी व सब-डिविजन गढ़शंकर कानूनी सेवाएं अथारिटी के चेयरमैन-कम-अतिरिक्त सिविल जज सीनियर डिविजन गढ़शंकर श्री लवदीप हुंदल भी उपस्थित थे।

मैंबर सचिव की ओर से फ्रंट आफिस का निरीक्षण किया गया। इस मौके पर फ्रंट आफिस की रोजाना गतिविधियों का कार्रवाई रजिस्टर भी चैक किया व इसके बाद पैनल एडवोकेट, रिटेनर एडवोकेटों के साथ बैठक की। रिटेनर एडवोकेटों को हिदायत देते हुए उन्होंने कहा कि फ्रंट आफिस मेें आने वाले व्यक्तियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाए व उनको नि:शुल्क कानूूनी सहायता मुहैया करवाने संबंधी अपनी ड्यूटी ईमानदारी  से निभाएं ताकि आम जनता का इस विभाग पर विश्वास बना रहे व हर एक जरुरतमंद व्यक्ति नि:शुल्क कानूनी सेवाओं का लाभ ले सके। उन्होंने फ्रंट आफिस के पैरा लीगल वालंटियर प्रवीन कुमारी को हिदायत की कि जिन  व्यक्तियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता प्रदान की जाती है, उनका समय-समय पर प्रोसिडिंग कार्ड  एडवोकेटों से भरवाया जाए ताकि पैनल एडवोकेटों की गतिविधियों का विभाग को पता लग सके।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिन व्यक्तियों को नि:शुल्क कानूनी सहायता दी जाती है, उनके केसों का उनको टैलीफोन कर सूचित किया जाए व फीड बैक प्रोफार्मा भरवाया जाए कि वे नि:शुल्क कानूनी सहायता मिलने पर संतुष्ट है या नहीं। यदि नहीं है तो सब-डिविजन कानूनी सेवाएं कमेटी के चेयरमैन श्री लवदीप हुंदल को सूचित किया जाए व बनती कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि पैनल एडवोकेटों के साथ प्रो-बोनो स्कीम को भी सुचारु ढंग से संपन्न किया जाए ताकि हर व्यक्ति अपने केस के प्रति निश्चित हो सके व पैनल एडवोकेटों व प्रो- बोनो एडवोकेटों को नि:शुल्क कानूनी सेवाएं सहायता के प्रचार करने के लिए अधिक से अधिक सैमीनार लगाने के लिए कहा।

इसके अलावा जिला स्तर व सब-डिविजन स्तर पर 14 मई को लगाई जाने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत के बारे में जानकारी दी गई और कहा गया कि लोक अधिक से अधिक केस इस लोक अदालत में लगाएं क्योंकि इससे समय व धन की बचत होती है। इस लोक अदालत के फैसले की कोई अपील नहीं होती व केस में लगी सारी कोर्ट फीस वापिस हो जाती है।


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