
जालंधर ब्रीज: पंजाब सरकार ने बरसातों के मौसम के मद्देनज़र राज्य की ड्रेनों की सफ़ाई का काम मुकम्मल कर लिया है और बाँधों को मज़बूत कर दिया गया है। यह जानकारी पंजाब के जल स्रोत मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल ने आज पंजाब भवन में पत्रकारों को संबोधन करते हुये दी।
यहाँ संभावित बाढ़ के मद्देनज़र जल स्रोत विभाग द्वारा किये गए प्रबंधों का उच्च स्तरीय बैठक में जायज़ा लेने के उपरांत पत्रकारों को मुखातिब होते हुये गोयल ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा बाढ़ की संभावित स्थिति से निपटने के लिए 276 करोड़ रुपए के साथ 1220 कार्य पूरे किये गए हैं, जिनमें दरियाओं की रिबैटमैंट, स्टड लगाना, मज़बूतीकरण और ड्रेनों की डीसिंलटिंग/सफाई आदि के काम शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इसके इलावा 600 चैक डैम बनाऐ गए हैं और 1104 अतिरिक्त चैक डैम निमार्णाधीन है। इसके साथ ही 3905 सोक पिट बनाऐ जा रहे हैं, 53400 से अधिक बाँस के पौधे लगाए हैं और 226 किलोमीटर वैटीवर घास लगाया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य की 850 ड्रेनों में से 601 ड्रेनों की इस साल सफ़ाई की ज़रूरत थी, जो करवा दी गई है। उन्होंने बताया कि अब तक 4766 किलोमीटर ड्रेनों की सफ़ाई करवाई गई है।
श्री गोयल ने बताया कि विभाग ने विभागीय मशीनरी का उपयोग करके नालों की सफाई/सिल्टिंग का कार्य किया है। मंत्री गोयल ने बताया कि विभागीय मशीनों से ठेकेदार के काम के मुकाबले लागत में 65 प्रतिशत बचत हुई है। उन्होंने बताया कि विभाग के पास मौजूदा समय 15 मशीनें हैं और 3 अतिरिक्त मशीनें जल्द ही विभाग के बेड़े में शामिल हो जाएंगी।
जल स्रोत मंत्री ने बताया कि विभागीय मशीनरी से श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट, फाजिल्का, अमृतसर, गुरदासपुर, रोपड़ और श्री आनंदपुर साहिब में 110 स्थानों पर डीसिलटिंग/सफाई का काम चल रहा है।
उन्होंने बताया कि जिन स्थानों पर बीते वर्षां में बाँध टूटे थे, उन स्थानों को विशेष तौर पर मज़बूत किया गया है और राज्य के 94 स्थानों पर एहतियातन सैंड बैग रखवा दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग के अधिकारियों को हिदायत की गई कि वे अपने अधीन क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखें और साथ ही रोज़मर्रा की रिपोर्ट भी मुख्य दफ़्तर को भेजें। इसके साथ यह भी यकीनी बनाएं कि वे अपना हैडक्वाटर न छोड़ें।
जल स्रोत मंत्री ने स्थानीय सरकारों और ग्रामीण विकास विभागों के अधिकारियों और डिप्टी कमिश्नरों को भी हिदायत की कि वह अधीन क्षेत्रों में गुज़रती ड्रेनों और नालों की सफ़ाई का काम यकीनी बनाएं और निरंतर निगरानी रखें।
उन्होंने बताया कि विभाग ने आपात स्थिति से निपटने के लिए कई रणनीतिक प्रयास किये हैं जिनके अंतर्गत 8.76 लाख सैंड बैग ख़रीदे गए हैं और रणनीतिक तौर पर संवेदनशील स्थानों पर रखे गए हैं। इनमें से 3.24 लाख बैग भर कर रख दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति के दौरान तेज़ी से कार्यवाही करने के लिए रेत की बोरियों के स्थानों की जानकारी भौगोलिक इन्फर्मेशन सिस्टम (जी.आई.एस) पर अपलोड कर दी गई है। उन्होंने बताया कि यह भी पहली बार हुआ है कि विभाग ने 10,300 जम्बो बैग ख़रीदे हैं जिससे तुरंत दरारें भरी जा सकें।
डैमों में पानी के स्तर के बारे जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सभी बड़े डैमों के स्तर सुरक्षित सीमाओं के अंदर हैं और चिंता का कोई कारण नहीं है। उन्होंने बताया कि भाखड़ा डैम इस समय पर 1618.38 फुट पर है, जो पिछले 20 सालों की औसत ज़रूरत के साथ मेल खाता है।
उन्होंने बताया कि अधिकतम 1680 फुट क्षमता वाले भाखड़ा डैम का स्तर 2023 के बाढ़ के स्तर के मुकाबले अब 47 फुट नीचे है। इसी तरह अधिकतम 1390 फुट की क्षमता वाले पौंग डैम का स्तर 1346.15 फुट पर है, जो 2023 के बाढ़ के स्तर से 30.78 फुट कम है। उन्होंने बताया कि रणजीत सागर डैम, जिसकी अधिकतम क्षमता 1731.55 फुट है, इस समय पर 1664.72 फुट पर है, जो 20 सालों की औसत से 5.49 फुट कम है और बाढ़ वाले साल 2023 के स्तर से 54 फुट कम है। मंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि नियंत्रित पानी के स्तर से सिंचाई के लिए काफ़ी लाभ होगा क्योंकि और ज़्यादा कृषि क्षेत्रों को नहरी सिंचाई प्रणालियों के अधीन लाया जा रहा है।
More Stories
पंजाब मे 2027 को भाजपा की सरकार बनती और बढ़ती लोकप्रियता देख आप भगवंत मान सरकार बौखलाई-के.डी भंडारी
अनुसूचित जाति आयोग द्वारा पुलिस कमिश्नर, अमृतसर को तलब किया गया
रणजीत गिल के भाजपा में शामिल होते ही उनके आवास पर विजिलेंस की रेड, लीगल सेल संयोजक एन के वर्मा ने बताया आप की बदले की कार्रवाई