June 18, 2025

Jalandhar Breeze

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एस.डी.एमज़, पुलिस और फायर ब्रिगेड विभाग की संयुक्त टीमों की तरफ से गाँवों का दौरा, किसानों को पराली जलाने के विरुद्ध किया जागरूक

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जालंधर ब्रीज: ज़िला जालंधर में पराली को आग लगाने के रुझान को रोकने के लिए ज़िला प्रशासन की तरफ से 14 नवंबर तक ज़िले में पराली को आग लगाने के 676 मामलों में 16.90 लाख रुपए का वातावरण मुआवज़ा लगाया गया है। डिप्टी कमिश्नर जालंधर श्री घनश्याम थोरी द्वारा जालंधर को धान की पराली जलाने के रुझान से मुक्त करने के लिए जारी निर्देशों पर कार्यवाही करते एस.डी.एमज़ के नेतृत्व वाली टीमों ने अलग -अलग गाँवों का दौरा करके अपने अपने अधिकार क्षेत्र में किसानों को धान की पराली न जलाने के प्रति जागरूक किया ।

एस.डी.एम.शाहकोट श्री लाल विश्वास के नेतृत्व वाली टीम ने गाँव कोहाड़ कलाँ और गाँव माणकपुर में पराली को आग लगी देखकर मौके पर ही फायर ब्रिगेड की सहायता से तीन स्थानों पर लगी आग बुझवाई। इस तरह एस.डी.एम.नकोदर पूनम सिंह के नेतृत्व वाली टीम ने गाँव सिंधार और परजियां में दो जागरूकता कैंप लगाकर किसानों को पराली न जलाने के प्रति जागरूक किया गया। इस अवसर पर किसानों को अलग -अलग भलाई योजनाओं सहित फसलों के अवशेषों की उचित संभाल के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनों के बारे में भी अवगत करवाया गया। टीम ने माणकपुर में पराली को लगी आग पर भी काबू किया ।

इससे पहले सबंधित विभागों के आधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर जालंधर श्री घनश्याम थोरी ने कहा कि समय की ज़रूरत है कि पराली जलाने से होने वाले बुरे प्रभावों से वातावरण को बचाने के लिए सांझे प्रयास किये जाएं। उन्होंने बताया कि खसरा गिरदावरी में 608 मामलों में लाल इंदराज किया गया है, जहाँ फील्ड अधिकारी कमिश्नर ने बताया कि प्रशासन की तरफ से ऐसीं घटनाओं को रोकने के लिए आई.ई.सी. अभियान से लेकर इनफोरसमैंट अभियान तक बहुपक्षीय रणनीति को अपनाया गया है। उन्होंने आधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन मामलों में सबंधित अथारिटी की तरफ से पराली को आग लगाने की घटना को तस्दीक किया जाता है उनमें लाल इंदराज को यकीनी बनाया जाये।

डिप्टी कमिश्नर ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि पराली को आग लगाने के रुझान को छोड़ा जाये क्योंकि इसका धुआँ साँस की बीमारी से सबंधित रोगियों के लिए समस्या का कारण बन सकता है, जोकि पहले ही कमज़ोर इम्यूनटी का सामना कर रहे है।

उन्होंने सबंधित आधिकारियों को निर्देश दिए कि पराली को आग लगाने की घटनाओ को रोकने के लिए फिजिकल वैरीफिकेशन के इलावा पूरी चौकसी रखी जाये। उन्होंने बताया कि ज़िला प्रशासन की तरफ से फसलों की अवशेषों की उचित संभाल के लिए किसानों को कम रेटों पर विशेषकर छोटे और मध्यम किसानों को कस्टम हायर सैंटरों से मुफ़्त आधुनिक कृषि यंत्र उपललब्ध करवाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस के इलावा राज्य सरकार की तरफ से आई -खेत एप भी जारी की गई है जिस पर किसान अपने नजदीक के कस्टम हायर सैंटरों के पास उपलब्ध खेती मशीनों की उपलब्द्धता के बारे जानकारी प्राप्त कर सकते है।

डिप्टी कमिश्नर ने यह भी बताया कि इसके इलावा स्पैशल टीमों का भी गठन किया गया है जोकि किसानों को पराली को आग न लगाने से सम्बन्धित मौके पर अपील कर रही हैं और अवसर पर ही आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए फायर टैंडर के साथ मौजूद रहेंगी। उन्होंने कहा कि टीमें से तरफ से कृषि विभाग के सहयोग से किसानों को धान की पराली के उचित प्रबंधन में भी सहायता उपलब्ध करवाई जायेगी।


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