
जालंधर ब्रीज:जालंधर, कपूरथला और होशियारपुर जिलो में 28 लाइसैंसी कलोनियों के प्रमोटरों खिलाफ सख्ती करते हुए जालंधर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने इन कलोनियों में संपत्ति की रजिस्ट्रेशन पर रोक लगा दी है।
इस संबंध में और जानकारी देते हुए मुख्य प्रशासक जालंधर विकास अथारिटी दीपशिखा शर्मा ने बताया कि इन लाइसैंसी कलोनियों के डिफाल्टर प्रमोटरों को ईडीसी, लाइसैंस फीस, एसआईएफ और ई.डब्ल्यू.एस. की बनती 32.07 करोड़ रुपये की बकाया राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी किया गया है, हालांकि इन कलोनियों के प्रमोटरों ने कभी भी बकाया राशि जमा नहीं की है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार के निर्देश पर इन प्रमोटरों को बकाया राशि जमा करने पर 7.5 प्रतिशत ब्याज की राहत दी गई है।
उन्होंने कहा कि बकायादारों को पोस्ट डेटेड चेक के माध्यम से मासिक किस्तों में बकाया शुल्क जमा करने को भी कहा गया है। उन्होंने कहा कि इसके बावजूद 17 प्रमोटरों द्वारा बकाया राशि जमा कराने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई है और न ही कोई पोस्ट डेटेड चेक जारी किया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि इस तरह की गतिविधियों से होने वाले वित्तीय नुकसान को ध्यान में रखते हुए, जालंधर विकास अथारिटी संबंधित डिप्टी कमिशनर और संबंधित उप रजिस्ट्रारों को इन डिफाल्टर प्रमोटरों की कलोनियों में संपत्तियों की रजिस्ट्रेशन करने का निर्देश दिया है।
जालंधर विकास अथारिटी के मुख्य प्रशासक ने कहा कि अथारिटी अपने अधिकार क्षेत्र में अनधिकृत कलोनियों में इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए कोई कमी नहीं छोड़ेगा और इस संबंध में एक अभियान शुरू किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि इस तरह की अवैध कलोनियों ने जहां सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया है, वहीं इन कलोनियों में रहने वाले निवासियों के साथ भी धोखा किया है क्योंकि वे बिजली, सड़क, पेयजल, सीवेज सिस्टम और कई अन्य सुविधाओं जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है और उन्हें कई सुविधाएं प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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