June 18, 2025

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स्कूल शिक्षा विभाग में अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक मामलों का सैल गठित: हरजोत सिंह बैंस

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मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा पंजाब राज्य के सरकारी स्कूलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर के शिक्षा ढांचे स्थापित करने की दिशा में किए जा रहे कार्यों के अंतर्गत स्कूल शिक्षा विभाग में काम कर रहे शिक्षा प्रशासकों, स्कूल प्रमुखों और विभिन्न काडरों के अंतर्गत काम कर रहे अध्यापकों को देश के अंदर और विदेशों में शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कारगुज़ारी के लिए कार्य कर रही संस्थाओं से ओरिएंटेशन करवाने की प्रक्रिया को सुचारू ढंग से चलाने के लिए कार्यालय राज्य शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद् के अधीन अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक मामलों के सैल का गठन किया गया है। यह जानकारी आज यहाँ पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने दी।

उन्होंने बताया कि इस सैल की स्थापना का मुख्य उद्देश्य शिक्षा विभाग में उन अधिकारियों और अध्यापकों की पारदर्शी ढंग से चयन करना है जिनको अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय संस्थाओं में पंजाब की स्कूली शिक्षा के विकास के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेजना है, जिससे भविष्य में बैस्ट प्रैक्टिसज़ को लागू करके विद्यार्थियों को मानक शिक्षा प्रदान की जा सके।

स. बैंस ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक मामलों के सैल का मुख्य उद्देश्य यह भी होगा कि अध्यापकों की क्षमता निर्माण की जाये और उनको विदेशों के विशेष दौरे करवाए जाएँ, जिनकी शिक्षा प्रणाली की नीतियाँ और उनके अच्छे प्रदर्शन को पंजाब के सरकारी स्कूलों में लागू किया जा सके।  

अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक मामलों का सैल विदेशी शिक्षा की जानकारी लेने के लिए जाने वाले अधिकारियों और अध्यापकों की चयन के लिए विशेष पारदर्शी प्रणाली बनाएगा। सैल द्वारा शैक्षिक प्रशासकों, स्कूल प्रमुखों और अलग-अलग काडरें में काम करने वाले सरकारी स्कूलों के अध्यापकों के सामथ्र्य निर्माण के लिए प्रोग्राम तैयार करेगा और इनके सामथ्र्य निर्माण प्रोग्रामों और राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय दौरों के साथ हुए सामथ्र्य निर्माण का मुल्यांकन भी करेगा।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ओरिएंटेशन प्रोग्रामों की चयन के लिए तैयार किए जा रहे पोर्टल पर अप्लाई करें, जोकि विशेष लिखित परीक्षा और इंटरव्यू की प्रक्रिया से गुजऱने के उपरांत की जानी है। इस प्रक्रिया में यदि कोई अध्यापक या अधिकारी किसी तरह के बाहरी या राजसी प्रभाव इस्तेमाल करेगा तो उसके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की जायेगी और भविष्य में इस प्रक्रिया की चयन से वंचित करने हेतु ब्लैक लिस्ट भी किया जायेगा।


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