
जालंधर ब्रीज: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रोपड़ ने एक उपकरण ‘जीवन वायु’ विकसित किया है जिसका सीपीएपी मशीन के विकल्प के रूप में उपयोग किया जाता है। हालाँकि, यह देश का पहला ऐसा उपकरण है जो बिजली के बिना भी कार्य करता है और दोनों प्रकार की ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयों जैसे अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर और ऑक्सीजन पाइपलाइन के अनुकूल है। जबकि ये प्रावधान मौजूदा सीपीएपी मशीनों में उपलब्ध नहीं हैं।

चित्र 1: सीपीएपी थेरेपी के लिए जीवन वायु ब्रीथिंग सर्किट 20 सेमी H2O तक का सकारात्मक दबाव और 60 एलपीएम तक त्वरित प्रवाह दर प्रदान करता है
कंटीन्यूअस पॉज़िटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) उन रोगियों के लिए एक उपचार पद्धति है, जिन्हें नींद के दौरान सांस लेने में तकलीफ यानि स्लीप एपनिया है। मशीन सांस को आसानी से लेने के लिए वायुमार्ग को खुला रखकर हवा के हल्के दबाव का उपयोग करती है। इसका उपयोग उन शिशुओं के इलाज के लिए भी किया जाता है जिनके फेफड़े पूर्ण रूप से विकसित नहीं हैं। मशीन बच्चे की नाक में हवा भरती है ताकि उसे फेफड़े फुलाने में मदद मिल सके। कोविड-19 संक्रमण के शुरुआती चरणों में उपचार और भी आवश्यक है। यह फेफड़ों की क्षति को कम करता है और रोगियों को सूजन के प्रभाव से उबरने में मदद करता है।

चित्र 2: ‘जीवन वायु’ का कंप्यूटर एडेड डिज़ाइन, प्रवाह मापदंडों का उपयोग करके अनुकूलित चिकित्सकीय रूप से आवश्यक सभी मानकों को पूरा करते हुए, रिसाव-रहित और कम लागत वाली सीपीएपी डिलीवरी प्रणाली -“जीवन वायु’ को 22 मिमी सीपीएपी क्लोज्ड सर्किट ट्यूब के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह ट्यूब के आकार के अनुसार भी अनुकूलित हो सकता है। चूंकि यह बिजली आपूर्ति न होने की स्थिति के दौरान भी चल सकता है, इसलिए इसका उपयोग एक मरीज को सुरक्षित रूप से लाने व ले जाने के लिए भी किया जा सकता है।

चित्र 3: त्वरित ऑक्सीजन वितरण के लिए डिज़ाइन किया गया एक सीपीएपी थेरेपी उपकरण ‘जीवन वायु‘ का 3डी प्रिंटेड प्रोटोटाइप।
आईआईटी रोपड़ की उन्नत सामग्री और डिजाइन लैब में उपकरण विकसित करने वाली धातुकर्म और सामग्री इंजीनियरिंग की सहायक प्रोफेसर डॉ. खुशबू राखा ने कहा कि वर्तमान कोविड महामारी के दौरान जब वेंटिलेटर और ऑक्सीजन कॉन्संट्रेटर्स जैसे चिकित्सा उपकरणों पर लोगों के जीवन को बचाने के लिए, बिजली की आपूर्ति प्रमुख चिंता का विषय है तो यह उपकरण समय की आवश्यकता थी।
डॉ. राखा ने आश्वासन दिया कि इसमें हवा के प्रवेश द्वार पर एक इनबिल्ट वायरल फिल्टर होता है जिसमें वायरल प्रभाव 99.99 प्रतिशत होता है। वायरल फिल्टर यह सुनिश्चित करता है कि पर्यावरण से रोगजनक हवा अंदर नहीं आती है। डिवाइस को थ्री डी प्रिंटिंग का उपयोग करके निर्मित किया गया है और इसका यंत्रवत् परीक्षण भी किया गया है। ‘जीवन वायु’ ऑक्सीजन के उच्च प्रवाह (20-60 एलपीएम) को 20 सेमी H2O तक का निरंतर सकारात्मक दबाव बनाए रखते हुए वितरित कर सकता है। उपकरण को 5-20 सेंटीमीटर H2O के साथ पीईईपी (सकारात्मक अंत-श्वसन दबाव) के साथ 40 प्रतिशत से ऊपर प्रेरित ऑक्सीजन के अंश (फिओ 2) को बनाये रखने के लिए विकसित किया गया है। डॉ. खुशबू राखा और उनकी टीम ने संकाय प्रभारी रैपिड प्रोटोटाइप लैब, सीमेंस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज, चंडीगढ़ श्री सुरेश चंद के साथ डिवाइस की 3डी प्रिंटिंग के लिए सहभागिता की है। यह उपकरण चिकित्सा परीक्षण और बड़े पैमाने पर निर्माण के लिए तैयार है।
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