
जालंधर ब्रीज: कांग्रेस पार्टी की आपसी कलह पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने वव्यंग्य कसते हुए कहा कि आज कांग्रेस अपने आत्म-विनाशकारी मोड में है और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रही तकरार इस चरम पर पहुंच गई है कि महाधिवक्ता (एडवोकेट जनरल) ने अपनी नियुक्ति के कुछ हफ्तों के भीतर ही इस्तीफा दे दिया है।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि पहले कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने महाधिवक्ता ए.पी.एस. देओल और पुलिस महानिदेशक इकबाल प्रीत सिंह सहोता की नियुक्ति के विरोध में इस्तीफा दे दिया था, जिसमें कहा गया था कि दोनों बेअदबी मामले में शामिल लोगों का बचाव कर रहे थे। हालाँकि दोनों नियुक्तियां मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के विशेषाधिकार में हैं, उधर इनकी नियुक्तियों को लेकर नवजोत सिंह सिद्धू ने इन्हें “विवादास्पद” करार देते हुए हाल ही में कांग्रेस आलाकमान से भी मुलाकात कर विरोध जताया था।
अश्वनी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने की अंदरूनी कलह दिन-ब-दिन तेज होती जा रही है और इससे नुकसान प्रदेश की जनता का हो रहा है। मुख्यमंत्री चन्नी और नवजोत सिद्धू के बीच चल रहा सत्ता का संघर्ष एक मजाक बन गया है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा को प्रदेश व अपने विकास के लिए विकल्प के रूप में देख रही है और प्रदेश की बागडोर भाजपा के हाथों में देने का मन बना चुकी है।
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