August 10, 2025

Jalandhar Breeze

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कोविड के मद्देनज़र पंजाब सरकार अब वर्चुअल समागमों के ज़रिये मनाएगी श्री गुरु तेग़ बहादुर जी का 400वां प्रकाश पर्व

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जालंधर ब्रीज: कोविड मामलों में निरंतर वृद्धि के कारण पैदा हुई अभूतपूर्व स्थिति के चलते पंजाब सरकार द्वारा 28 अप्रैल से शुरू हो रहे नौवीं पातशाही श्री गुरु तेग़ बहादुर जी के ऐतिहासिक 400वें प्रकाश पर्व के समागम वर्चुअल तरीको से मनाने का फ़ैसला किया गया है। यह ऐलान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा शुक्रवार को किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा कीर्तन के सीधे प्रसारण की व्यवस्था टैलिविज़न और सोशल मीडिया चैनलों पर की जायेगी और लोगों को अपने घरों से ही ‘सरबत दे भले’ के लिए अरदास करने की अपील भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि वह शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान बीबी जगीर कौर के साथ बात करेंगे कि संकट की स्थिति को देखते हुए सभी समागम वर्चुअल तरीके में बदल दिए जाएँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू जी के हिंदुओं के लिए दिए गए महान बलिदान की याद में उनके सहित पूरे पंजाब में बड़ा समागम करवाने की इच्छा थी परन्तु स्थिति ऐसा करने की इजाज़त नहीं देती।उन्होंने लोगों से अपील की कि टैलिविज़न पर समागम देखने और पहली मई को नौवीं पातशाही के प्रकाश पर्व के अवसर पर अपने घरों से ही ‘सरबत दे भले’ के लिए अरदास करें। ऐतिहासिक जश्नों को देखने के लिए बनाई गई कार्यकारिणी कमेटी की मीटिंग के उपरांत सरकारी प्रवक्ता ने खुलासा किया कि सभी समागम निर्धारित प्रोग्राम अनुसार ही होंगे परन्तु वर्चुअल तरीके द्वारा करवाए जाएंगे और लोग व्यक्तिगत तौर पर इकठ्ठा नहीं होंगे।

मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वह अपने घरों से ही कीर्तन के सीधे प्रसारण सहित विभिन्न समागमों में हिस्सा लें यह समागम सोशल मीडिया पर भी टैलिकास्ट किये जाएंगे।इससे पहले लोकसभा मैंबर मनीष तिवारी और गुरजीत सिंह औजला ने इस साल यह समागम संकेतक तौर पर मनाने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कोविड की स्थिति पर काबू होने तक कोई भी बड़ा जलसा या समागम न रचने के लिए कहा।

कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि इन समागमों का ऑनलाइन प्रसारण इस कठिन समय दौरान लोगों में सकरात्मक संदेश पहुंचाएगा।मुख्य सचिव विनी महाजन ने भी ऑनलाइन प्रोग्राम करने का सुझाव दिया क्योंकि वायरस का मौजूदा रूप और भी ख़तरनाक होता प्रतीत हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिरोमणि कमेटी को भी इस फ़ैसले में शामिल जाना चाहिए।


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