
जालंधर ब्रीज: अनाधिकृत कॉलोनियों में प्लॉटों/इमारतों के खरीददारों को बड़ी राहत देते हुए आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग ने फ़ैसला किया है कि 08-09-1995 से पहले बनी कॉलोनियों में सेल डीड के द्वारा खऱीदे गए प्लॉटों/इमारतों के लिए सेल डीड को रजिस्टर्ड करवाने के लिए किसी एन.ओ.सी. की ज़रूरत नहीं है। यह जानकारी देते हुए आवास निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिन्दर सिंह सरकारिया ने सम्बन्धित अधिकारियों को हिदायत की है कि वह वर्ष 2018 में जारी की गई नीति के अंतर्गत प्राप्त हुए एन.ओ.सी. के लम्बित पड़े आवेदन पत्र का निपटारा दो महीनों के अंदर-अंदर करें।
हालाँकि, 09-09-1995 से 19-03-2018 के बीच खऱीदे गए प्लॉटों/इमारतों के लिए (सेल डीड/पावर ऑफ अटार्नी/बिक्री समझौता या व्यापारिक निर्माण के मामलो में लीज़), सेल डीड की आज्ञा देने के उद्देश्य के लिए एन.ओ.सी. तुरंत जारी करने के लिए आदेश भी दे दिए गए हैं। यह एन.ओ.सी. विक्रेता और खरीददार द्वारा साझे तौर पर हस्ताक्षर किए गए स्व-घोषणा पत्र के आधार पर और नियमित फीस के भुगतान के उपरांत ही सम्बन्धित अथॉरिटी द्वारा जारी की जाएगी। स्व-घोषणा पत्र में यह शामिल करना होगा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में आने वाले प्लॉटों/इमारतों को नियमित करने के लिए वर्ष 2018 में विभाग द्वारा जारी की गई नीति के प्रबंधों/शर्तों का उल्लंघन नहीं की गई है।
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