June 21, 2025

Jalandhar Breeze

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स्वास्थ्य विभाग ने लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए डेंगू की रोकथाम पर पोस्टर जारी किया

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जालंधर ब्रीज: जालंधर के सिविल सर्जन डॉ. बलवंत सिंह की अध्यक्षता में राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत “राष्ट्रीय डेंगू दिवस” ​​मनाया गया। इस दौरान सिविल सर्जन द्वारा आईईसी गतिविधियों के तहत डेंगू-बुखार जागरूकता पोस्टर जारी किया गया। सिविल सर्जन ने बताया कि कोरोना बीमारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी लगन से काम कर रहा है। डेंगू बुखार के प्रति लोगों को जागरूक करना भी जरूरी है। डेंगू बुखार से बचाव के लिए इसके बारे में पूरी जानकारी होना बहुत जरूरी है।

डॉ बलवंत सिंह के अनुसार डेंगू एक वायरल बुखार है जो एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है और इसके लक्षण मच्छर के काटने के 4 से 7 दिन बाद दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू का मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में प्रजनन करता है।इसलिए जरूरी है कि सप्ताह में एक बार घरों में कूलर, गमले और फ्रिज की ट्रे और अन्य पानी के स्रोतों को साफ करें। उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार के लक्षणों, सावधानियों आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रत्येक शुक्रवार को शुष्क दिवस, शुक्रवार के रूप में मनाया जा रहा है।

सिविल सर्जन के अनुसार डेंगू और चिकनगुनिया का इलाज संभव है, ये एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलते हैं, इसलिए आपको अपने और अपने बच्चों को डेंगू से बचाने के लिए पूरी बाजू पहननी चाहिए। मच्छरदानी और मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डेंगू बुखार होने पर रोगी को घबराना नहीं चाहिए बल्कि निदान और उपचार के लिए नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान से संपर्क करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू की जांच और इलाज नि:शुल्क किया जाता है। उन्होंने डेंगू बुखार के लक्षणों के बारे में बताते हुए कहा कि इसके लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, आंखों के पिछले हिस्से में दर्द और मसूड़ों और नाक में दर्द शामिल हैं । उन्होंने कहा कि बुखार होने पर अधिक पानी या अन्य तरल पदार्थ पिएं, एस्पिरिन और इबुप्रोफेन न लें, बुखार होने पर डॉक्टर की सलाह पर ही पैरासिटामोल लें। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए गूगल प्ले स्टोर से “डेंगू फ्री पंजाब” एप भी डाउनलोड कर सकते हैं।

इस अवसर पर सहायक सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र कौर थिंड, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अरुण वर्मा, जिला समूह शिक्षा एवं सूचना अधिकारी कृपाल सिंह झल्ली, जिला महामारी विज्ञानी परमवीर सिंह, बी.सी.जी. अधिकारी डॉ. ज्योति, डॉ. मानव बूटा मंडी, सहायक मलेरिया अधिकारी कुलवंत सिंह टांडी, सहायक मलेरिया अधिकारी कुलबीर सिंह, जिला बी.सी.सी. संयोजक नीरज शर्मा, स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सुखजिंदर सिंह, स्वास्थ्य कार्यकर्ता मनजीत सिंह आदि उपस्थित थे।


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