June 17, 2025

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ईंधन के तौर पर कोयले की जगह पराली का प्रयोग करने के तकनीकी समाधानों को प्रोत्साहित किया जाए: मीत हेयर

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जालंधर ब्रीज: विज्ञान प्रौद्यौगिकी और नई तकनीकों (एस.टी.आई.) को राज्य के विकास की कुंजी के तौर पर विकसित करने सम्बन्धी मुख्यमंत्री भगवंत मान की प्रतिबद्धता पर चलते हुए इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए रणनीतियों पर विचार- विमर्श करने के लिए औद्योगिक इकाईयों में कोयले की जगह धान की पराली को ईंधन के रूप में बरतने के लिए तकनीकी समाधानों को प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। इससे ना केवल निकासी का बोझ घटेगा बल्कि राज्य में पैलेटाईज़ेशन प्लांट स्थापित करने के लिए मार्केट शक्तियाँ पैदा करके रोजग़ार के अवसर भी पैदा होंगे।

इन विचारों का प्रगटावा विज्ञान प्रौद्यौगिकी एवं पर्यावरण मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने पंजाब स्टेट काउंसिल फॉर विज्ञान एंड टैकनॉलॉजी (पी.एस.सी.एस.टी.), के मैगसीपा, सैक्टर 26 के अंतर्गत दफ़्तर के दौरे के दौरान किया। पी.एस.सी.एस.टी. विज्ञान प्रौद्यौगिकी एवं पर्यावरण विभाग के विशेषज्ञों का एक समूह है।

मीत हेयर ने इस बात की सराहना की कि पंजाब ने इंडिया इनोवेशन इंडैक्स रैंकिंग फ्रेमवर्क पर अपनी रैंकिंग में सुधार किया है, जोकि पिछले साल के 10वें रैंक से उठकर इस साल देश के 6वें सबसे नवीनताकारी प्रमुख राज्य के रूप में उभरा है। विज्ञान प्रौद्यौगिकी मंत्री ने पी.एस.सी.एस.टी. को एस.टी.आई. ईको सिस्टम की दिशा में आगे बढ़ते रहने और तालमेल बनाए रखने का आग्रह भी किया, जिससे राज्य को नई ऊँचाईयों पर ले जाया जा सके।  

मीत हेयर ने आश्वासन दिया कि सभी विभागों को अपनी बड़ी चुनौतियों, जिनका अनुसंधान और विकास के द्वारा समाधान किया जा सकता है, को स्पष्ट करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक विधि विकसित की जाएगी। विज्ञान प्रौद्यौगिकी एवं पर्यावरण के सचिव राहुल तिवाड़ी ने साफ़-सुथरी तकनीकों का प्रदर्शन करने के लिए पी.एस.सी.एस.टी. की पहल पर प्रकाश डाला, जिसके नतीजे के रूप में शुद्ध हवा की गुणवत्ता में सुधार होने के साथ-साथ एम.एस.एम.ईज को आर्थिक लाभ हो रहा है। पी.एस.सी.एस.टी. की कार्यकारी निदेशक डॉ. जतिन्दर कौर अरोड़ा ने कैबिनेट मंत्री को इसकी विस्तृत प्रस्तुति के द्वारा जानकारी भी दी।  


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